ममता सरकार के खिलाफ टिप्पणी, प्रोफेसरों को नोटिस

पश्चिम बंगाल के उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेज के दो प्रोफेसरों को टेलीविजन कार्यक्रमों में सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने पर कारण बताओ नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेज के दो प्रोफेसरों को टेलीविजन कार्यक्रमों में सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने पर कारण बताओ नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है। पश्चिमी मिदनापुर के झारग्राम राज कॉलेज के अर्थशास्त्र के सहायक प्रोफेसर देबाशीष सरकार और हुगली जिले में स्थित हुगली मोहसिन कॉलेज में बंगाली भाषा के विभाग प्रमुख शम्पा सेन से यह स्पष्टीकरण मांगा गया है।
दोनों को बंगला चैनलों द्वारा अक्सर बहस में बुलाया जाता है। यह नोटिस एक पूर्व अध्यापक की शिकायत पर भेजा गया है। अध्यापक ने इन दोनों पर टीवी कार्यक्रमों में सरकार के खिलाफ टिप्पणियां करने का आरोप लगाया था। इस विषय पर स्पष्टीकरण देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा कि दोनों अध्यापकों से पूछा गया है कि क्या उन्होंने इन कार्यक्रमों में अपना विचार व्यक्त करने से पहले किसी भी प्रकार की अनुमति विभाग से ली थी।
उन्होंने कहा कि सरकारी कॉलेज में अध्यापक का पद कैडर का पद होता है। विश्वविद्यालयों एवं सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के अध्यापकों और इनमें अंतर है। मुझे आलोचना की विषय वस्तु नहीं मालूम। हम जानना चाहते हैं कि क्या उन्होंने नियमों का पालन किया है कि नहीं। उधर, सरकार एवं सेन ने कहा कि उनसे अनुमति के विषय में ही नहीं बल्कि टीवी कार्यक्रमों में उनके विचारों के विषय के बारे में भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।
राज्य के सरकारी कॉलेज शिक्षक संघ के महासचिव सरकार ने कहा कि उन्हें नोटिस की एक प्रति गुरुवार को मिली है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राजनीति से प्रेरित टिप्पणियां करके वह शैक्षणिक माहौल खराब कर रहे हैं। कुछ ही महीने पहले ही जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अम्बिकेश महापात्रा को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कार्टून सोशल नेटवर्किं ग साइट पर प्रसारित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जबकि पार्थ सारथी रॉय को रैली में भाग लने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। (एजेंसी)

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