मुंडा ने दिया इस्तीफा, विधानसभा भंग करने की सिफारिश

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है। झामुमो ने सोमवार को मुंडा सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया था।

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनके मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है। झामुमो ने सोमवार को मुंडा सरकार से समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया था।
पार्टी ने राज्यपाल सैयद अहमद को औपचारिक तौर पर पत्र सौंपकर अवगत कराया कि उसने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
इस बीच, झारखंड मंत्रिमंडल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी।
झामुमो के समर्थन वापस ले लेने से 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में मुंडा सरकार अल्पमत में आ गई। लेकिन झामुमो ने विधानसभा भंग करने की कैबिनेट की सिफारिश पर सवाल उठाया है।
मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन ने कहा, ‘जब हमने समर्थन वापस ले लिया तो अल्पमत की सरकार ऐसा निर्णय कैसे ले सकती है?’
मुंडा ने संवाददाताओं से कहा कि मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 12 मंत्रियों में से सात ने हिस्सा लिया। बैठक में फैसला लिया गया कि विधानसभा भंग करने की सिफारिश की जाए।
बैठक में भाजपा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) तथा जनता दल (युनाइटेड) के मंत्रियों ने हिस्सा लिया, जबकि झामुमो के मंत्रियों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
झामुमो के औपचारिक रूप से समर्थन वापस लेने के तुरंत बाद पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन, उनके बेटे हेमंत सोरेन तथा अन्य नेता राज्यपाल से मिले।
उधर, मुंडा ने कहा, ‘मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया और उन्हें कैबिनेट के फैसले से अवगत कराया। स्थायी सरकार के गठन के लिए नया जनादेश प्राप्त करना एकमात्र उपाय है।’
गौरतलब है कि झामुमो और भाजपा के बीच दरार उस वक्त पड़ गई जब मुंडा ने इस बात से इंकार कर दिया कि सरकार गठन के समय समझौता हुआ था कि दोनों पार्टियों को बारी-बारी से मुख्यमंत्री का पद दिया जाएगा।
झामुमो चाहता था कि उसे मुख्यमंत्री का पद दे दिया जाए और मौजूदा विधानसभा पांच साल का कार्यकाल पूरा करे।
आजसू के प्रमुख सुदेश महतो और झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) के प्रमुख बाबू लाल मरांडी ने नया चुनाव कराने की मांग की।
राज्य के 82 विधायकों में से 37 नया जनादेश प्राप्त किए जाने के पक्ष में है। 37 विधायकों में से 18 भाजपा के, छह आजसू के, दो जद-यु के और 11 जेवीएम-पी के हैं।
झामुमो ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार गठन की संभावना से इंकार कर दिया है।
वहीं, झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप बालमुचू ने कहा कि यदि झामुमो नई सरकार के गठन का प्रयास करे तो कांग्रेस उसे समर्थन देने पर विचार करेगी।
झारखंड कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कुछ निर्दलीय विधायक नए सरकार के गठन के पक्ष में हैं।
यदि झारखंड कांग्रेस, (राजद) और निर्दलीय विधायक झामुमो को समर्थन देते हैं तो कुल 41 विधायक एक नई गठबंधन सरकार गठित करने की स्थिति में होंगे। (एजेंसी)

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