'यूपी के पुनर्गठन को लटकाना चाहता है केंद्र'
Advertisement

'यूपी के पुनर्गठन को लटकाना चाहता है केंद्र'

उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने मंगलवार को राज्‍य के पुनर्गठन मसले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

 

लखनऊ : उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री मायावती ने मंगलवार को राज्‍य के पुनर्गठन मसले को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्‍तर प्रदेश के पुनर्गठन को जान-बूझकर लटकाना चाहती है। इसी उद्देश्‍य के साथ केंद्र सरकार ने मीडिया में चिट्ठी लीक करवाई और फिर राज्‍य सरकार को बताने से पहले मीडिया को इस बारे में बताया।

 

उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पत्र भेजकर मांगी गई जानकारियों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेसनीत केंद्र सरकार, राज्य के पुनर्गठन के प्रस्ताव को लटकाना चाहती है। मायावती ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को भेजे गए पत्र से ऐसा लगता है कि विभाजन संबंधी प्रस्ताव पर संविधान के मुताबिक कार्रवाई करने के बजाय केंद्र सरकार उसे लटकाने की कोशिश कर रही है।

 

राज्य के विभाजन के प्रस्ताव को केंद्र द्वारा वापस लौटाने की खबरों को गलत बताते हुए मायावती ने कहा कि केंद्र ने प्रस्ताव लौटाया नहीं है, बल्कि कुछ जानकारियां मांगी है। उन्होंने कहा  कि केंद्र को जानकारी उपलब्ध कराने में सहयोग किया जाएगा। मायावती ने इस बात के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की कि उसने पत्र को राज्य सरकार को भेजने से पहले मीडिया में जारी कर दिया।

 

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भेजकर राज्य के बंटवारे की व्यवहारिकता पर सवाल उठाते हुए कुछ बिंदुओं पर जानकारियां मांगी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को चार हिस्सों में बांटने के लिए बीते महीने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर, उसे आगे की कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया था।

 

मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने विभाजन के प्रस्‍ताव को लौटाया नहीं है। केंद्र सरकार का राज्‍य से सवाल पूछना भी गलत है और विभाजन के प्रस्‍ताव पर जानकारी मांगी गई है। इस संबंध में केंद्र का राज्‍य से सवाल पूछना भी संविधान का उल्‍लंघन है। मुख्‍यमंत्री ने कहा कि राज्‍य के पुनर्गठन का बिल संसद में पास होता है। केंद्र सरकार ने ये भी नहीं कहा कि इस बिल के लिए जानकारी की जरूरत है।

 

मायावती ने यह भी कहा कि केंद्र ने विधेयक बनाने के लिए जानकारी नहीं मांगी है और केंद्र न ऐसा भी नहीं कहा कि राज्‍य विभाजन के प्रस्‍ताव के संबंध में जानकारी चाहिए। ऐसा लगता है कि विधानमंडल के प्रस्‍ताव का केंद्र के लिए कोई महत्‍व नहीं है। उन्‍होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार गंभीर है तो इस संबंध में अविलंब कार्रवाई करे। जो प्रक्रिया उत्‍तराखंड के लिए अपनाई गई, वही पुनर्गठन के लिए भी हो। मायावती ने उम्‍मीद जताई कि केंद्र सरकार पुनर्गठन पर जल्‍द कार्रवाई करेगी।

Trending news