संपत्ति विवाद बनी पोंटी बंधुओं की हत्या की वजह : पुलिस

शराब उद्यमी पोंटी चड्ढा और उनके भाई हरदीप की फार्महाउस में गोलीबारी में मौत होने से कुछ दिन पहले से ही दोनों भाइयों के बीच तनाव बढ़ना शुरू हो गया था।

नई दिल्ली: शराब उद्यमी पोंटी चड्ढा और उनके भाई हरदीप की फार्महाउस में गोलीबारी में मौत होने से कुछ दिन पहले से ही दोनों भाइयों के बीच तनाव बढ़ना शुरू हो गया था। पोंटी के लोगों ने घटना वाले दिन एक अन्य सम्पत्ति पर कब्जे का प्रयास किया था। पुलिस ने दोनों हत्याओं के सिलसिले में अभी तक करीब 100 लोगों से पूछताछ की है। पुलिस की 11 टीमें मामले की जांच कर रही हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण पश्चिम) विवेक गोगिया ने कहा कि जहां तक जांचकर्ताओं को जानकारी हुई है सम्पत्ति विवाद अदालत में नहीं पहुंचा था और उनकी मां और समुदाय के बड़े लोग दोनों भाइयों के बीच विवाद का सौहार्दपूर्ण हल निकालने का प्रयास कर रहे थे।
गोगिया ने संवाददाताओं से कहा कि हत्याओं से कुछ दिनों पहले से ही परिवार में तनाव था। मुद्दे पर समझौते के लिए प्रयास जारी थे। उन्होंने घटनाक्रम के बारे में कहा कि छतरपुर के जिस फार्महाउस में पोंटी और हरदीप की हत्या हुई थी पोंटी के लोगों ने उससे इतर दक्षिण पश्चिम दिल्ली में बिजवासन स्थित एक अन्य फार्महाउस को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया था।
गोगिया ने बताया कि पोंटी के लोगों ने शनिवार की सुबह छतरपुर स्थित फार्महाउस में प्रवेश किया, हरदीप के कुछ लोगों की पिटायी की, उनके मोबाइल फोन छीन लिये, उन्हें बंधक बनाया और कुछ लोगों को बाहर कर दिया। हवा में गोलीबारी भी हुई थी। चोट लगने, डकैती, अपहरण और अनधिकार प्रवेश का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि बिजवासन में पोंटी के एक अन्य समूह ने फार्महाउस में प्रवेश करने और उसे अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया था।

इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था और दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। वे महरौली में हुई घटना में शामिल नहीं थे। गोगिया ने बताया कि फार्महाउस में झगड़े की सूचना मिलने पर वे घटनास्थल पर पहुंचे और उन्हें हरदीप का शव मिला। उस समय वहां पर पोंटी के तीन पीएसओ और चालक सहित छह व्यक्ति मौजूद थे। उन्होंने पुलिस को बताया कि पोंटी को फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
गोगिया ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल से दो पिस्तौल मिली। दिल्ली पुलिस के रिकार्ड बताते हैं कि हरदीप के पास दो लाइसेंसी पिस्तौलें थीं।
यह पूछे जाने पर कि शनिवार को गोलीबारी की घटना से करीब 45 मिनट पहले पूर्वाह्न 11.50 बजे एक व्यक्ति ने फोन किया था और जब पुलिस ने जांच की तो कुछ भी नहीं मिला। उन्होंने कहा कि फोन करने वाला हरदीप नहीं थे। उन्होंने बताया कि पुलिस पोस्टमार्टम, बैलिस्टिक और फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ताकि यह पता चल सके कि किसने किस पर गोली चलाई थी। (एजेंसी)

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