RML मई में शुरू करेगा नई इमरजेंसी ईकाई
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RML मई में शुरू करेगा नई इमरजेंसी ईकाई

जीवनरक्षक प्रणाली के लिए गंभीर रूप से बीमार लोगों की निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से राम मनोहर लोहिया (आर एम एल) अस्पताल मई तक एक नयी आपातकालीन ईकाई शुरू करेगा।

नई दिल्ली : जीवनरक्षक प्रणाली के लिए गंभीर रूप से बीमार लोगों की निजी अस्पतालों पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से राम मनोहर लोहिया (आर एम एल) अस्पताल मई तक एक नयी आपातकालीन ईकाई शुरू करेगा। छह मंजिला और 280 बिस्तरों वाली इस ईकाई में हाल में अस्पताल द्वारा खरीदे गए 38 वेंटीलेटरों सहित 60 से अधिक वेंटीलेटर होंगे।
आर एम एल के निदेशक एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एच के कार ने बताया, ‘‘आपातकालीन ईकाई की इमारत अप्रैल तक तैयार हो जाएगी और इसके बाद उपकरण तथा अन्य साजो सामान लगाने में कुछ हफ्ते लगेंगे । यह मई तक संचालन में आ जाएगी । ईकाई के लिए मौजूदा 26 के अतिरिक्त 38 नए वेंटीलेटर हाल में खरीदे गए हैं ।’’ उन्होंने कहा कि इस ईकाई की स्थापना का उद्देश्य अधिक से अधिक मरीजों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराना है । अस्पताल राजधानी के मध्य में स्थित है, इसलिए इससे मध्य दिल्ली के लोगों की आवश्यकताएं पूरी करने में मदद मिलेगी ।
कार ने कहा कि इस समय अस्पताल में आपातकालीन सेवाओं की जरूरत वाले रोगियों की काफी भीड़ होती है क्योंकि वर्तमान में आपातकालीन ईकाई में सिर्फ 140 बिस्तर हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वेंटीलेटर उपलब्ध नहीं हो पाने की वजह से हमें गंभीर रूप से बीमार रोगियों को दूसरे अस्पतालों में भेजना पड़ता है । 140 अतिरिक्त बिस्तरों से आपातकालीन सेवा की गुणवत्ता बढ़ेगी ।’’ नयी इकाई पूरी तरह वातानुकूलित होगी और यह 80 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में होगी ।
निदेशक ने कहा कि आर एम एल उन अस्पतालों में शामिल है जो केंद्र सरकार के कर्मियों और उनके परिवारों को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना के तहत किफायती चिकित्सा उपलब्ध कराता है और इसकी आपातकालीन ईकाई को विस्तारित करने की अत्यंत आवश्यकता थी । उन्होंने कहा, ‘‘शहर में रह रहे केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या करीब पांच लाख है और ये कर्मी तथा इनके परिजन अच्छी खासी संख्या में इस अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा सेवा के लिए आते हैं ।’’ निदेशक ने कहा, ‘‘अस्पताल में भर्ती होने वाले प्रत्येक मरीज को आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता के चलते मरीजों का यहां इलाज करने से पहले हम उन्हें सीधे दूसरे अस्पतालों में नहीं भेज सकते । इसलिए, ईकाई का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था ।’’ (एजेंसी)

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