फिल्म समीक्षा: भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में उतरी `सत्याग्रह`
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फिल्म समीक्षा: भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में उतरी `सत्याग्रह`

राजनीतिक मुद्दे पर फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर प्रकाश झा की नई फिल्म `सत्याग्रह` रिलीज हो गई है। देश भर के सिनेमा घरों में भ्रष्टाचार पर आधारित यह फिल्म लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रही है। देश भर में लोग भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म के हिट होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: राजनीतिक मुद्दे पर फिल्म बनाने वाले डायरेक्टर प्रकाश झा की नई फिल्म `सत्याग्रह` रिलीज हो गई है। देश भर के सिनेमा घरों में भ्रष्टाचार पर आधारित यह फिल्म लोगों को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रही है। देश भर में लोग भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं ऐसे में बॉक्स ऑफिस पर इस फिल्म के हिट होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
फिल्म की कहानी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से जुड़ी हुई है। रिटायर अध्यापक द्वारका आनंद (अमिताभ बच्चन) ऐसे व्यक्ति हैं जो देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना चाहते है। वह अपने सिद्धांतों पर चलते है। मानव राघवेंद्र (अजय देवगन) दिल्ली में अपना व्यापार चलाता है और इसके लिए कुछ भी कर सकता है। मंत्री बलराम सिंह (मनोज वाजपेयी) सत्ता और सत्ता हथियाना चाहता है। राजवंशी सिंह (अर्जुन रामपाल) सड़कों की राजनीति करने में व्यस्त हैं। यास्मीन (करीना कपूर) एक खोजी पत्रकार का जिसका मकसद लोगों तक सच पहुंचाना है। एक दिन अचानक एक दुर्घटना में द्वारका के बेटे अखिलेश की मौत हो जाती है। मंत्री बलराम अखिलेश की पत्नी अमृता सिंह को मुआवजा देने की घोषणा करता है लेकिन जब उसे अखिलेश की मौत के 3 माह बाद भी मुआवजा नहीं मिलता है तो वह कलेक्टर ऑफिस पहुंचती है। यहीं से शुरू होती है भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग। इस फिल्म से प्रकाश झा ने राजनीति और गंगाजल बनाई जो बॉक्स ऑफिस पर हिट रही।
महानायक अमिताभ बच्चन ने दमदार भूमिका निभाई है। दर्शकों को अमिताभ बच्चन का रोल जरूर लुभाएगा। अजय देवगन ने अपनी अदाकारी से फिल्म में जान डाल दी है। मनोज वाजपेयी भ्रष्ट नेता के रोल में खूब जमे है। करीना कपूर, अर्जुन रामपाल ने अपना किरदार बखूबी निभाया है।

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