फिल्म ‘फुकरे’ समीक्षा: कॉमेडी और अनिलिमिटेड मस्ती के रंग
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फिल्म ‘फुकरे’ समीक्षा: कॉमेडी और अनिलिमिटेड मस्ती के रंग

‘फुकरे’ एक फिल्म है बिंदास होने की, अल्हड़पन की और जवानी की मस्ती की। ये हल्की-फुल्की, मनोरंजक फिल्म है जिसमें चार युवा मुसीबत में फंस जाते हैं लेकिन फिर भी ये मजेदार लगती है।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
‘फुकरे’ एक फिल्म है बिंदास होने की, अल्हड़पन की और जवानी की मस्ती की। ये हल्की-फुल्की, मनोरंजक फिल्म है जिसमें चार युवा मुसीबत में फंस जाते हैं लेकिन फिर भी ये मजेदार लगती है। ‘फुकरे’ न्यू जेनरेशन के उन युवाओं की कहानी है जो पैसा कमाने और अपने सपनों को सच करने के लिए शॉर्टकट की तलाश में रहते हैं। फिल्म में मस्ती है, फन है और सबसे बड़ी बात है कि फिल्म में इन बातों को बड़े ही सीधे-सादे अंदाज में रखा गया है।
फिल्म के निर्देशक और लेखक विपुल विज और मृगदीप सिंह लांबा ने संजीदगी और हास्य में अच्छा तालमेल रखा है। साफ है। ‘फुकरे’ का उद्देश्य दर्शकों का मनोरंजन करना है और ये इस मकसद में काफी हद तक कामयाब होती है।
‘फुकरे’ कहानी है चार युवाओं और उनके सपनों की। चूचा (वरुण शर्मा) को एक सपना आता है जिसका हन्नी (पुलकित शर्मा) मतलब निकालने की कोशिश करता है और उसे डीकोड कर लॉटरी टिकट का नंबर निकालता है। परीक्षा के पेपर हासिल करने के मकसद से दोनों पैसा लगाते हैं और फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। जबकि लाली (मंजोत सिंह) और जफर (अली फजल) भी अपनी जरुरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए हन्नी और चूचा के साथ हो लेते हैं। हालांकि सबकुछ उल्टा-पुल्टा हो जाता है जब ये चारों भोली पंजाबन (ऋचा चड्ढा) से लोन लेते हैं जो एक फीमेल गैंग्स्टर है। फिल्म में फन,मस्ती और जरूरत की बातें फिल्म के मिजाज के मुताबिक घूमती रहती है।
इस फिल्म में दर्शकों का पूरे समय मनोरंजन होता रहता है। फिल्म की कहानी भले ही दिल्ली की हो लेकिन संवाद और बोलने का अंदाज ऐसा है जिसे सभी पसंद करेंगे। फिल्म का हास्य भी सादगी से भरा है जो दर्शकों को लुभाता है। फिल्म का लेखन इसकी सबसे बड़ी ताकत है। संवाद मजेदार और हाजिरजवाबी से भरे हुए हैं। राम संपत का संगीत भी फिल्म के मूड के मुताबिक है।
पुलकित, मंजोत, अली और वरुण, सभी को अपना हुनर दिखाने का पूरा मौका मिला है। फिल्म में वरुण ने सबसे ज्यादा हंसाया है। ऋचा चड्ढा ने शानदार एक्टिंग की है।
कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो फुकरे युवाओं के सपने और मस्ती पर बनी मजेदार फिल्म है जो हर पल हंसाती है। फिल्म की यूएसपी है उसकी सादगी और हल्का-फुल्का होना जिसमें दर्शकों को हर वक्त नयापन देखने को मिलता है।

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