भूपेन हजारिका को लंदन में दी गई श्रद्धांजलि
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भूपेन हजारिका को लंदन में दी गई श्रद्धांजलि

भारतीय समुदाय की प्रमुख हस्तियों ने यहां दिवंगत भूपेन हजारिका को एक कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी। हजारिका को ‘‘बहुमुखी प्रतिभाशाली’’ के रूप में याद करते हुए कहा गया कि उन्होंने अपने संगीत, कविता, फिल्मों तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों से लागों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।

लंदन : भारतीय समुदाय की प्रमुख हस्तियों ने यहां दिवंगत भूपेन हजारिका को एक कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी। हजारिका को ‘‘बहुमुखी प्रतिभाशाली’’ के रूप में याद करते हुए कहा गया कि उन्होंने अपने संगीत, कविता, फिल्मों तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों से लागों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
हजारिका का पिछले साल पांच नवंबर को 85 वर्ष की आयु में निधन हुआ था और उन्हें भारत ही नहीं बांग्लादेश तथा अन्य देशों के लिए लोगों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी थी। कल यहां नेहरू सेंटर में भारत की उच्चायुक्त और असम की जैमिनी भगवती सहित विभिन्न वक्ताओं ने आदर एवं प्रेम के साथ उन्हें याद किया।
‘‘ब्रह्मपुत्र के कवि’’ के रूप में विख्यात हजारिका के एक चित्र को भारतीय उच्चायुक्त की सांस्कृतिक शाखा नेहरू सेंटर में लगाया गया। भगवती के अलावा बांग्लादेश के उच्चायुक्त एम सईदुर रहमान खान ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। खान ने ध्यान दिलाया कि उनके देश में हजारिका का बेहद सम्मान किया जाता है और उन्हें प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखा जाता है।
इस कार्यक्रम का आयोजन रिनी काकाती ने किया जो ‘‘फ्रेन्ड्स आफ असम एंड सेवन सिस्टर्स’’ की निदेशक हैं। इस कार्यक्रम में दिवंगत गायक के छोटे भाई प्रवीन हजारिका और उनकी पत्नी तृषा हजारिका भी उपस्थित थी।
प्रवीन ने अपने बड़े भाई की अंतिम कविता सुनायी। 2007 में असमी में लिखी गयी इस कविता का शीषर्क है ‘‘आकाश सबूती’’ (आकाश का आलिंगन)। बाद में उन्होंने कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की सुविधा के लिए इस कविता के बांग्ला और अंग्रेजी अनुवाद का भी पाठ किया।
कार्यक्रम में दिवंगत गायक के पुत्र तेज भूपेन हजारिका, गीतकार जावेद अख्तर तथा अमेरिका एवं भारत में असमी समुदाय के सदस्यों के संदेश सुनाये गये। नयी दिल्ली में 1960 के दशक में हजारिका के साथ बिताये गये समय को याद करे हुए भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि हजारिका की रचनाओं में समाज के वंचित लोगों की भावनाओं के साथ एकजुटता के कारण वह सही मायनों में महान थे।
भारतीय मूल के प्रख्यात उद्योगपति लार्ड स्वराज पाल ने कहा कि हर वह व्यक्ति जिसके जीवन को हजारिका ने अपनी रचनाओं के माध्यम से प्रभावित किया, वह उन्हें उनकी जिंदादिली और गंभीरता के कारण याद करेगा।
हजारिका को स्मरण करने वालों में बीबीसी की हिन्दी सेवा के पूर्व प्रमुख कैलाश बधवार भी शामिल थे।
कार्यक्रम में हजारिका के ‘‘गंगा बहती हो क्यूं’’ जैसे लोकप्रिय गानों को बजाया गया। (एजेंसी)

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