नई दिल्ली: फिल्मी पर्दे पर रंग दे बसंती और दिल्ली 6 जैसी बेहतरीन फिल्मों को पर्दे पर उतारने वाले निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा का कहना है कि उन्हें ‘बॉलीवुड’ निर्देशक कहलाना पसंद नहीं आता। इसी गुस्से के चलते राकेश ने एक डाक्यूमेंट्री बनाने का मन बनाया।
राकेश का मानना है कि हिंदी फिल्म उद्योग को बॉलीवुड कहने से उसकी पहचान खोयी है। उन्होंने कहा, ‘ हम कभी भी बॉलीवुड नहीं थे। हम हिंदी फिल्म उद्योग हैं और इसका हमें गर्व है। हमारे कलाकारों ने बेहतरीन फिल्में बनाई हैं।’ राकेश ने बताया, ‘ जब मेरे सामने कोई इस लफ्ज़ का इस्तेमाल करता है तो मुझे गुस्सा आने लगता है। विदेशी लोग ऐसा करते हैं क्योंकि इससे उनको हमें पहचानने में आसानी होती है पर हमारे देश के लोगों द्वारा इस शब्द का प्रयोग दुखद है।’
राकेश ने यह भी कहा की वह अपनी हिट फिल्म ‘रंग दे बसंती’ को मुख्य धारा की फिल्म नहीं मानते।
उनकी आने वाली डाक्यूमेंट्री ‘बॉलीवुड: द ग्रेटेस्ट लव स्टोरी एवर टोल्ड’ एक प्रयास है जिससे वह बता सकें कि लोग हिंदी फिल्मों को ऐसा क्यों बोलते हैं। हालांकि यह विडंबना ही है कि उनकी इस डाक्यूमेंट्री का शीषर्क वही शब्द है जिससे उन्हें चिढ़ होती है।
अमेरिकी फिल्मकार जेफ जिंबालिस्ट के साथ निर्देशन कर रहे राकेश ने इस डाक्यूमेंट्री में कई सालों तक फिल्मों में दिखाये गये विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे भी बताये हैं। उन्होंने कहा, ‘ मैं सिनेमा में दिखाये गये सामाजिक और आर्थिक बदलाव को दिखाना चाहता था। देश में आये विभिन्न अहम बदलावों को सिनेमा के पर्दे पर उतारा गया है।’ उनकी फिल्मों में भी कई मुद्दों को उठाया गया है चाहे ‘रंग दे बसंती’ में उठाया भ्रष्टाचार का मामला हो या ‘दिल्ली 6’ में सांप्रदायिक हिंसा।
हालांकि राकेश का मानना है कि सिनेमा समाज में बदलाव नहीं ला सकता। कान फिल्म महोत्सव में शरीक हो चुकी उनकी इस डाक्यूमेंट्री में देवानंद और अमिताभ बच्चन जैसे दिग्गजों के साक्षात्कार शामिल हैं। (एजेंसी)