नई दिल्ली: आधुनिक जीवनशैली में किशोरों अपना ज्यादा से ज्यादा समय कंप्यूटर, वीडियो गेम और मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं और पर्याप्त नींद नहीं लेने के चलते उनमें मोटापा और कुंठा जैसी समस्याएं बढ़ी हैं।
उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि इन दिनों बच्चे रोजाना 8 घंटे से अधिक समय वीडियो गेम खेलने, इंटरनेट इस्तेमाल करने, एसएमएस भेजने और टीवी देखने में बिताते हैं।
एसोचैम के अध्ययन में कहा गया, ‘ मां-बाप द्वारा बच्चों पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने से प्रौद्योगिक तक बच्चों की पहुंच आसान हो गई है जिससे किशोरों के बीच इलेक्ट्रानिक चीजों के इस्तेमाल की लत बढ़ गई है। टीवी देखना और आनलाइन चैटिंग जैसी गतिविधियों से बच्चे पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं।’
उद्योग मंडल ने यह सर्वेक्षण दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और पुणे सहित 10 प्रमुख शहरों में 2,500 युवाओं के बीच कराया जिसमें पाया गया कि 10 से 18 वर्ष की आयु वर्ग में ज्यादातर किशोर आठ घंटे से कम समय की नींद लेते हैं।
वहीं, कामगार माता.पिता के बच्चों में इलेक्ट्रानिक चीजों के इस्तेमाल की लत कहीं अधिक है क्योंकि मां- बाप बच्चों पर पर्याप्त निगरानी नहीं रख पाते। यह रुख महानगरों में अधिक देखने को मिला है जहां ज्यादातर मां- बाप नौकरी में व्यस्त होते हैं। (एजेंसी)