किशोरों की बौद्धिक क्षमता पर उम्र का असर
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किशोरों की बौद्धिक क्षमता पर उम्र का असर

वैज्ञानिकों ने बताया कि बच्चों की शैक्षिक क्षमता का काफी शुरुआती उम्र में ही आकलन कर लेते हैं, लेकिन हमने साबित किया है कि उनकी बौद्धिक क्षमता में विकास की संभावना बनी रहती है।

लंदन : वैज्ञानिकों का मानना है कि किशोरों की बौद्धिक क्षमता में बड़े स्तर पर विकास या पतन हो सकता है। अभी तक यह माना जाता था कि आईक्यू के जरिए मापी जाने वाली बौद्धिक क्षमता में कोई बड़ा बदलाव नहीं आता है।

 

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अनुसंधानकर्ताओं ने 14 से 18 वर्ष के किशोरों की बौद्धिक क्षमता में विकास और पतन दर्ज किया है। इस अनुसंधान के परिणामों को नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

 

इस पर अनुसंधान कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया कि बच्चों की शैक्षिक क्षमता का काफी शुरुआती उम्र में ही आकलन कर लेते हैं, लेकिन हमने साबित किया है कि उनकी बौद्धिक क्षमता में विकास की संभावना बनी रहती है। इस बात के प्रति भी काफी सतर्क रहना चाहिए कि उम्र के शुरुआती पड़ाव में ही किसी कमजोर क्षमता वाले के तौर पर पहचान नहीं दे देनी चाहिए, क्योंकि अगले कुछ सालों में उसके आईक्यू में और सुधार हो सकता है। इस दल का कहना है कि उनके अनुसंधान के परिणामों से शिक्षा के क्षेत्र में काफी प्रभाव पड़ने की संभावना है। (एजेंसी)

 

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