नेत्र रोगों में बड़ा कारगर है आयुर्वेद

विश्व के प्रथम आयुर्वेदिक नेत्र चिकित्सालय की मानें तो यहां काफी संख्या में लोग नेत्र संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए पहुंच रहे हैं।

कूथाट्टुकुलम (केरल): विश्व के प्रथम आयुर्वेदिक नेत्र चिकित्सालय की मानें तो यहां काफी संख्या में लोग नेत्र संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए पहुंच रहे हैं।
कोच्चि के नजदीक श्रीधारीयम आयुर्वेद नेत्र अस्पताल के के मुताबिक आयुर्वेद बिना किसी चीर-फाड़ के नेत्र संबंधी रोगों को आसानी से ठीक कर सकता है।
आज बहुतायत लोग कंप्यूटर पर अधिक अवधि तक काम करने, खान-पान की गलत आदत और लंबी यात्रा करने के कारण नेत्र संबंधी रोगों से परेशान हैं। ज्यादा देर तक टीवी देखने, छपे छोटे अक्षरों को लगातार पढ़ने और बिस्तर पर सोने के दौरान गलत स्थिति में सिर रखने से भी नेत्र संबंधी परेशानी हो सकती है। बच्चों में ज्यादातर नेत्र संबंधी परेशानियों के लिए टेलीविजन जिम्मेदार है।

आयुर्वेदिक चिकित्सकों के परिवार से ताल्लुक रखने वाले नंबूथिरी ने 1999 में श्रीधारीयम की स्थापना की थी। इसमें शुरू में पांच ही बिस्तर थे, जो अब बढ़कर 350 बिस्तर हो गए हैं। यहां रोजाना करीब 200 मरीज आते हैं। मुंबई, बेंगलुरू, नई दिल्ली और चेन्नई सहित श्रीधारीयम के केरल और अन्य राज्यों में 16 केंद्र हैं।

शालक्य तंत्र आयुर्वेद की एक शाखा है, जिसमें गले से ऊपर के अंगों के लिए उपचार बताया गया है। इसमें नेत्र के 76, कान के 28 और नाक के 31 रोगों का वर्णन है। (एजेंसी)

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