ज़ी मीडिया ब्यूरो कुआलालंपुर: मलेशिया के लापता विमान के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। विमान के अपहरण की आशंकाओं को भी नहीं खारिज किया गया है। विमान के लापता होने के बारे में लगाई जा रहीं अटकलों के बीच यह भी चर्चा है कि विमान को पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के समीप तालिबान नियंत्रित वाले इलाके में भी ले जाया जा सकता है। हालांकि, पाकिस्तानी तालिबान के एक कमांडर ने विमान के अपहरण में अपनी किसी भूमिका से इंकार किया है। रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक कमांडर ने कहा कि इस तरह के ऑपरेशन के बारे में तालिबान केवल सपने देख सकता है। रायटर्स के मुताबिक तालिबान कमांडर ने कहा, `काश, हमें इस तरह के विमान का अपहरण करने का मौका मिलता।` इस बीच, मलेशियाई एयरलाइंस के लापता विमान को लेकर बढ़ती अटकलों के बीच संयुक्त राष्ट्र से जुड़े एक परमाणु निगरानी संगठन ने कहा है कि उसे ऐसे किसी भी विस्फोट या दुर्घटना का पता नहीं चला है जिसका लापता विमान से संबंध हो। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कल यहां संवाददाताओं से कहा, ‘वियना स्थित व्यापक परमाणु परीक्षण निषेध संधि संगठन (सीटीबीटीओ) ने मलेशिया एयरलाइंस के लापता विमान को लेकर पुष्टि की कि अब तक हवा में या जमीन पर किसी विस्फोट या विमान दुर्घटना का पता नहीं चला है।’ दुजारिक ने कहा कि सीटीबीटीओ के अंतरराष्ट्रीय निगरानी प्रणाली (आईएमएस) द्वारा इस्तेमाल की जा रही चार में से तीन तकनीकों से अलग अलग परिस्थितियों के आधार पर विमान दुर्घटनाओं का पता चल सकता है। सत्यापन प्रणाली का इस्तेमाल परमाणु विस्फोटों का पता करने में होता है लेकिन साथ ही यह एक बड़े विमान में विस्फोट का और जमीन या पानी पर इसके प्रभाव का पता करने में भी सक्षम है। सीटीबीटीओ के कार्यकारी सचिव लसिना जेरबो ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह उंचाई पर विमान में विस्फोट की आशंकाओं की जांच के लिए संगठन के सेंसर काम पर लगाएंगे। दुजारिक ने कहा कि सीटीबीटीओ के नेटवर्क में दुनिया भर में अति संवेदनशील सेंसर शामिल हैं जो परमाणु विस्फोटों और भूकंपों का पता लगाते हैं। पूर्व में सीटीबीटीओ के स्टेशनों ने कुछ विमान दुर्घटनाओं का पता लगाया है जिनमें मार्च 2009 में जापान के नारिता हवाईअड्डे पर हुई एक विमान दुर्घटना शामिल है। (एजेंसी इनपुट के साथ)