2जी घोटाला: ED के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने का आदेश 2 मई को

दिल्ली की एक अदालत पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई तथा 17 अन्य के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश पर 2 मई को फैसला सुनाएगा।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई तथा 17 अन्य के खिलाफ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपपत्र पर संज्ञान लेने के आदेश पर 2 मई को फैसला सुनाएगा। विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने ईडी की दलीलें सुनने के बाद इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा। एजेंसी का कहा है कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मनी लांड्रिंग का मामला बनता है। इनमें 10 लोगों के अलावा 9 कंपनियां शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में उनकी जांच 2जी घोटाले से निकलकर आई है और आरोपी व्यक्तियों ने साजिश कर के मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों को तोड़ा है। वकील ने दावा किया कि द्रमुक द्वारा संचालित टीवी चैनल कलेंगनर टीवी को किया गया 200 करोड़ रुपये का भुगतान ‘जायज नहीं’ था। कथित रूप से यह धन उस टीवी के परिचालन के लिए दिया गया था। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि यह डीबी समूह की कंपनियों को दिए गए दूरसंचार लाइसेंसों के एवज में रिश्वत था। राजा की भूमिका के बारे में ईडी ने कहा कि दूरसंचार मंत्री के रूप में लाइसेंसों के आवंटन में उनकी प्रमुख भूमिका थी और उन्होंने मनी लांड्रिंग के अपराध में ‘मदद’ दी।

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि द्रमुक प्रमुख एम करणानिधि की पत्नी दयालु अम्माल के पास कलेंगनर टीवी के 60 फीसद शेयर हैं, जबकि सह आरोपियों कनिमोई व शरद कुमार के पास 20-20 फीसद शेयर हैं। अम्माल का नाम भी आरोपपत्र में अभियुक्त के रूप में है। ईडी ने कहा है कि कलेंगनर टीवी से धन डायनामिक्स रीयल्टी के पास ‘धन वापस जाने का भी सबूत है’और यह सिनेयुग फिल्म्स प्राइवेट लि. व कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के पास होते हुए वापस गया।
इसमें कहा गया है कि आरोपियों ने यह दिखाने का प्रयास किया कि यह लेनदेन वैध था, लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि धन को वापस उस समय भेजा गया जबकि राजा को सीबीआई ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में पूछताछ के लिए तलब किया। ईडी ने कहा कि जब यह चर्चा होने लगी कि राजा को गिरफ्तार किया जाएगा तो पैसे को उलटा वापस भेजा जाने लगा। ईडी ने कहा, यदि राजा को सीबीआई तलब नहीं करती, तो यह पैसा कभी वापस नहीं आता। निदेशालय ने कहा कि मामले में जांच अभी भी जारी है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में मनी लांड्रिंग पर आरोपपत्र 25 अप्रैल को दायर किया था। राजा, कनिमोई, अम्माल के अलावा ईडी ने इस मामले में स्वान टेलीकाम के प्रवर्तकों शाहिद बलवा व विनोद गोयनका को भी आरोपी बनाया है। कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स के आसिफ बलवा तथा राजीव अग्रवाल, बालीवुड के निर्माता करीम मोरानी, पी अमीरतम और कलेंगनर टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने एसटीपीएल, कुसेगांव रीयल्टी (पूर्व में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स), सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (पूर्व में सिनेयुग फिल्म्स), कलेंगनर टीवी, डायनामिक्स रीयल्टी, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी, कॉनवुड कंस्ट्रक्शंस एंड डेवलपर्स, डीबी रीयल्टी तथा निहार कंस्ट्रक्शंस को भी आरोपी बनाया है।

(एजेंसी)

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