सीबीडीटी ने मुकदमेबाजी को कम करने के लिए बनाई समिति

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक छह सदस्यीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है, जो आयकर मामलों में वर्तमान प्राथमिक वाद व्यवस्था कुशलता का विश्लेषण करेगी। साथ ही यह समिति आयकर विभाग में विवाद निपटान मंचों पर मुकदमेबाजी को कम करने के उपाय सुझाएगी।

नई दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक छह सदस्यीय अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है, जो आयकर मामलों में वर्तमान प्राथमिक वाद व्यवस्था कुशलता का विश्लेषण करेगी। साथ ही यह समिति आयकर विभाग में विवाद निपटान मंचों पर मुकदमेबाजी को कम करने के उपाय सुझाएगी।

समिति के अध्यक्ष मुख्य आयुक्त (आयकर) स्तर के अधिकारी होंगे। पांच आयुक्त समिति के सदस्य होंगे। समिति को अपनी रिपोर्ट आठ सप्ताह में देनी है। सीबीडीटी की अधिसूचना में कहा गया है, ‘आयकर आयुक्त (अपील) तथा आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) के मंचों पर मौजूदा विवाद निपटान व्यवस्था के आंकलन तथा मुकदमेबाजी को कम करने के उपाय सुझाने को समिति बनाई गई है।’

समिति के कामकाज के बारे में सीबीडीटी द्वारा नियम व शर्तों के अनुसार यह समिति अपीलीय और आंकलन संबंधी आदेशों का विभिन्न पहलुओं से विस्तृत विश्लेषण करेगी और आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष मुकदमेबाजी या मामलों की संख्या में कमी करने के उपाय सुझाएगी।

आयकर विभाग के नीति निर्माण के प्रमुख निकाय सीबीडीटी ने नई समिति से देशभर में आयकर अधिकारियों द्वारा जारी विभिन्न आय वर्गों के आंकलन आदेशों का अध्ययन करने व उन्हें वर्गीकृत करने को कहा है। सीबीडीटी ने जो श्रेणियां तय की हैं उनमें 25 लाख रुपये से कम आय, 25 लाख से एक करोड़ रुपये तक की आय, 1 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये की आय व 10 करोड़ रुपये से अधिक की आय के मामले शामिल होंगे। इस तरह की कवायद पहली बार हो रही है।

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