ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को विनिर्माण उद्योगों का सशक्त केंद्र बनाने की अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना 'मेक इन इंडिया' का गुरुवार को शुभारंभ किया। अभी इस घोषणा को किए कुछ ही समय बीते थे कि चीन ने भी भारत के इस अभियान के जवाब में 'मेड इन चाइना' कैंपेन को लॉन्च कर दिया। इसे चीन की घबराहट ही कही जाएगी कि उसने भारत के अभियान के तुरंत बाद इस शुरू करने की घोषणा की।
बताया जा रहा है कि चीन सरकार ने अपने देश में मैन्युफैक्चरिंग ताकत को और बढ़ाने के लिए 'मेड इन चाइना' कैंपेन को लॉन्च किया है। इस कैंपेन के तहत चीन सरकार अब टैक्स में कई तरह की रियायतें देगी। वहीं, चीन सरकार ने साथ ही अन्य सुविधाओं को भी देने की घोषणा की है ताकि उनके देश में विनिर्माण उद्योगों को और बढ़ावा मिल सके। चीन के इस कदम को पूरी तरह भारत के अभियान को लेकर जवाबी प्रहार बताया जा रहा है। क्योंकि चीन ने अपने इस कैंपेन को उस वक्त लॉन्च किया, जब मोदी ने आज 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम का आगाज किया।
वहीं, चीन सरकार ने कहा कि 'मेड इन चाइना' उत्पादों को उन्नत करने के लिए हाईटेक आयात तथा रिसर्च एंड डेवलपमेंट को बढ़ावा देंगे। इस कैंपेन के तहत चीन अपने यहां विनिर्माण में जुटी उन कंपनियों को टैक्स में रियायत देगी। इससे इसमें जुटी ईकाइयां अपने यहां मशीनों को अपग्रेड करने और रिसर्च एंड डेवलपमेंट के क्षेत्र में निवेश करेगी। चीन के इस कैंपेन का उद्देश्य कंपनियों की तकनीक में और बेहतरी लाना है ताकि वैश्विक स्तर पर उनकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार कमजोर न पड़े।
दूसरी ओर, पीएम मोदी ने 'मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत करने के मौके पर कहा कि इससे देश में उच्च आर्थिक वृद्धि प्राप्त करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार देश में मजबूत भौतिक बुनियादी ढांचा खड़ा करने के साथ-साथ डिजिटल नेटवर्क भी खड़ा करने पर ध्यान देगी, ताकि भारत कार से लेकर साफ्टवेयर, उपग्रह से लेकर पनडुब्बी और कागज से लेकर बिजली तक के विनिर्माण का विश्वस्तरीय केंद्र बन सके।
उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की भागीदारी बढ़ाने के लिए सार्व जनिक निजी भागीदारी और कौशल विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। यह राजनीति नहीं बल्कि आस्था का सवाल है। प्रधानमंत्री ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का निवेश के लिए आह्वान करते हुए कहा कि उनकी सरकार न सिर्फ ‘पूर्व की ओर देखो’ की नीति बल्कि ‘पश्चिम को जोड़ो’ की नीति भी अपना रही है।