नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को बताया कि गलत ढंग से किसान रिण माफी योजना का लाभ उठाने के 4030 मामले पकड़े गए हैं और इस संबंध में अब तक 627 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं।


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लोकसभा में राजू शेट्टी के प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि ऋण माफी के तहत किसानों को सीधे हाथों में पैसा नहीं मिलता है बल्कि जिन बैंकों से उन्होंने कर्ज लिया उन बैंकों को सरकारी खजाने से पैसा मिलता है। गौरतलब है कि 2008-09 के केंद्रीय बजट में कृषि ऋण माफी एवं राहत योजना पेश की गई थी।


जेटली ने बताया कि कैग की रिपोर्ट में किसान ऋण माफी योजना का फायदा गलत ढंग से उठाने का मामला सामने आया था और लोक लेखा समिति ने भी इस विषय को देखा था। जांच में पता चला कि हजारों की संख्या में ऐसे लोगों ने ऋण माफी योजना का लाभ उठा लिया जो इसके पात्र नहीं थे। वित्त मंत्री ने कहा कि यह बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ। विभिन्न बैंकों के 5411 अधिकारियों के खिलाफ अनियमितता के मामले दर्ज किये गए हैं और 22 एफआईआर दर्ज किये गए हैं। इसमें 57 चार्टर्ड एकाउंटेंट और आडिटरों शामिल थे। जेटली ने कहा कि ऋण माफी योजना का गलत ढंग से लाभ उठाने वालों से अब तक 627 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।