वाहन क्षेत्र में विदेशी निवेश 85 प्रतिशत घटा

पिछले दो साल से मांग में नरमी का सामना कर रहे भारतीय वाहन क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से मई की अवधि के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करीब 85 प्रतिशत घटकर सिर्फ 7.3 करोड़ डालर रह गया।

वाहन क्षेत्र में विदेशी निवेश 85 प्रतिशत घटा

नई दिल्ली : पिछले दो साल से मांग में नरमी का सामना कर रहे भारतीय वाहन क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से मई की अवधि के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) करीब 85 प्रतिशत घटकर सिर्फ 7.3 करोड़ डालर रह गया।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से मई 2013 के दौरान वाहन क्षेत्र ने 47.8 करोड़ डालर एफडीआई आकषिर्त किया था। उद्योग विशेषज्ञों के मुताबिक वाहन क्षेत्र को घरेलू बिक्री और निर्यात दोनों में भारी नरमी का सामना करना पड़ रहा है।

एक उद्योग विश्लेषक ने कहा कि यह क्षेत्र अब भी नरमी के दौर से बाहर निकलने के लिए जूझ रहा है। पिछले दो साल में भारत में वाहन कंपनियां अपनी मौजूदा क्षमता का महत्तम स्तर तक उपयोग नहीं कर सकी हैं। भारत में कार बिक्री में लगातार दूसरे वित्त वर्ष 2013-14 में गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान बिक्री 4.65 प्रतिशत घटी क्योंकि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में नरमी के कारण मांग में कमी से जूझ रहा था।

इसी तरह चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से जुलाई के दौरान कार निर्यात भी 5.02 प्रतिशत घटकर 1,71,274 इकाइयों का रह गया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,80,332 इकाइयों का था। जिन अन्य क्षेत्रों में निवेश में कमी आ रही है उनमें फार्मा (68 करोड़ डालर) भी शामिल है। विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार कए कदम उठा रही है जिनमें देश में कारोबार करने की प्रक्रिया आसाना बनाना और एफडीआई नीति उदार बनाना शामिल है।

विदेशी निवेश भारत के लिए महत्वपूर्ण है और बंदरगाह, हवाईअड्डे और राजमार्ग जैसे बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में आमूल बदलाव लाने के वास्ते अगले पांच साल में करीब 1,000 अरब डालर की जरूरत है। वित्त वर्ष 2013-14 में भारत का कुल एफडीआई बढ़कर 24.29 अरब डालर हो गया जो इससे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 22.42 अरब डालर था।

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