बीमा में 49% FDI का प्रस्ताव, मताधिकार सीमा 26%
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बीमा में 49% FDI का प्रस्ताव, मताधिकार सीमा 26%

सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की योजना बनाई है लेकिन इसमें एक शर्त भी जोड़ी कि विदेशी भागीदर के पास 26 प्रतिशत मताधिकार रहेगा।

नई दिल्ली : सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की की सीमा बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की योजना बनाई है लेकिन इसमें एक शर्त भी जोड़ी कि विदेशी भागीदर के पास 26 प्रतिशत मताधिकार रहेगा।

बीमा कानून (संशोधन) विधेयक 2008 में बीमा संयुक्त उद्यम में विदेशी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। मताधिकार हालांकि 26 प्रतिशत तक सीमित रहेगा।

सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने अब विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव किया है जो 2008 से लंबित है जिसमें एफडीआई की सीमा 49 प्रतिशत और विदेशी भागीदारों के लिए मताधिकार की सीमा 26 प्रतिशत कर दिया गया है। ऐसा बीमा कंपनियों की पूंजी की जरूरत पूरी करने के लिए किया है जिन्हें पूंजी की जरूरत बहुत अधिक होती है।

सूत्रों ने बताया प्रस्ताव में कहा गया कि विदेशी कंपनियों का इक्विटी शेयर किसी बीमा कंपनी की कुल चुकता पूंजी के 49 प्रतिशत से अधिक नहीं हो। साथ ही ऐसे विदेशी हिस्सेदारों के मताधिकार 26 प्रतिशत से अधिक न हों।

प्रस्ताव के मुताबिक बीमा संयुक्त उद्यम का मुख्य कार्यकारी भारतीय भागीदार द्वारा नियुक्त हो जिसे नियामकों की मंजूरी प्राप्त हो। इस प्रस्ताव में यह भी तय किया गया है कि कंपनी के अधिकतर निदेशक भारतीय नागरिक हों। सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में वित्तीय सेवा विभाग द्वारा तैयार एक मंत्रिमंडलीय नोट जारी किया गया है।

 

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