हांगकांग बैंकों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही सरकार
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हांगकांग बैंकों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही सरकार

राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने हांगकांग स्थित बैंकों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच शुरू की है। निदेशालय को पता चला है कि कुछ आयातक मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अनूठा तरीका अपना रहे हैं जिसमें वे जाली बिल जमा कराकर अपने विदेशी विशेषकर हांगकांग स्थित बैंक खातों में धन प्राप्त करते हैं।

हांगकांग बैंकों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही सरकार

नई दिल्ली : राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने हांगकांग स्थित बैंकों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों की जांच शुरू की है। निदेशालय को पता चला है कि कुछ आयातक मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अनूठा तरीका अपना रहे हैं जिसमें वे जाली बिल जमा कराकर अपने विदेशी विशेषकर हांगकांग स्थित बैंक खातों में धन प्राप्त करते हैं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार महीनों की जांच के बाद डीआरआई ने दावा किया कि कुछ व्यापारियों ने ऐसी खेपों की आयात के बिल पेश जो भारतीय तटों पर कभी पहुंचे ही नहीं। इससे सरकारी खजाने को करोड़ों रपये का नुकसान हुआ।

डीआरआई ने इस व्यापार आधारित मनी लॉन्ड्रिंग (टीबीएमएल) तथा विदेश में धन के अवैध हस्तांतरण के बारे में भारतीय रिजर्व बंक को सतर्क किया। यह अब अधिक देखने को मिल रहा है। सूत्रों ने कहा, ऐसा संदेह है कि बड़ी कंपनियां भी टीबीएमएल में संलिप्त हैं। एजेंसी करोड़ों रुपये मूल्य के मामलों की जांच कर रही है। गुप्तचर सूचनाओं के आधार पर डीआरआई ने एक जांच शुरू की थी जिसमें पाया गया कि कि आयातक बैंकों को जाली आयात दस्तावेज व अन्य नकली बिल जमा कर रहे हैं ताकि बार बार विदेशी मुद्रा हासिल की जा सके।

सूत्रों के अनुसार अब तक की जांच से सामने आया है कि विभिन्न विदेशी बैंक खातों में बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा भेजी गई है। इनमें से अधिकतर खाते हांगकांग में हैं। अधिकारियों के अनुसार अनेक मामलों में एंट्री बिल, चालान व पैकिंग लिस्ट की प्रतिलिपि जैसे आयात दस्तावेज भी जमा कराए गए लेकिन विस्तृत जांच में ये सारे आयात दस्तावेज जाली निकले और वास्तव में किसी तरह का आयात हुआ ही नहीं था।

इस तरीके से मनी लांड्रिंग के बारे में सीमा शुल्क अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों से कहा है कि वे आयात दस्तावेजों व अन्य कागजात की जांच में सावधानी बरतें। सूत्रों के उनसार डीआरआई की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक से भी कहा गया है कि वह अपने यहां जमा कराये जाने वाले एंट्री बिलों का सत्यापन करे।

 

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