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नई दिल्ली : एचआईवी-एड्स या पूर्व में किसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को जीवन बीमा पालिसी के लिए कुछ ऊंचा प्रीमियम देना होगा। बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने आज यह बात कही।
इरडा के चेयरमैन टीएस विजयन ने कहा कि बीमा कंपनियां पहले से किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को जीवन बीमा कवर देंगी, लेकिन इसका मूल्य व्यावसायिक आधार पर तय होगा। यानी ऐसे लोगों को अन्य की तुलना में अधिक प्रीमियम देना होगा।
विजयन ने यहां फिक्की के एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘पूर्ण विचार यह है कि किसी व्यक्ति को बीमारी हो सकती है, बीमारी होने के बावजूद एक बार पॉलिसी शुरू होने पर उसे पालिसी से नहीं हटाया जाएगा। लेकिन निश्चित रूप से इसका मूल्य भिन्न होगा। यह एक व्यावसायिक फैसला होगा जो उद्योग को करना होगा।’
इरडा प्रमुख ने कहा कि कुछ बीमा कंपनियों ने पहले से एचआईवी-एड्स पीड़ित लोगों को बीमा कवर मुहैया कराना शुरू कर दिया है। ‘मुझे भरोसा है कि और कंपनियां ऐसी पालिसियां लाएंगी।’ इरडा ने अक्तूबर में सर्कुलर का मसौदा जारी किया था जिसमें सभी बीमा कंपनियों को एचआईवी-एड्स के मरीजों को जीवन बीमा कवर उपलब्ध कराने को कहा गया था। एचआईवी-एड्स से पीड़ित मरीजों को पालिसी के बारे में सर्कुलर अप्रैल, 2014 से लागू होने की उम्मीद है।
सर्कुलर में जीवन बीमा कंपनियों की ओर से ऐसे स्वास्थ्य बीमा उत्पाद भी उपलब्ध कराने का प्रावधान है जिसमें बीमा पालिसी होने के बाद कोई व्यक्ति एचआईवी-एड्स से पीड़ित हो जाता है। यदि पालिसी शुरू होने के समय कोई व्यक्ति एचआईवी एड्स से पीड़ित नहीं है और बाद में उसे यह बीमारी पकड़ लेती है, तो बीमा कंपनियां उसके दावे को खारिज नहीं कर सकतीं। (एजेंसी)