लखनऊ : आईसीआईसीआई बैंक ने दस करोड़ रुपए से अधिक के जाली बैंक नोट पकड़ने का एक मामला लखनऊ पुलिस के समक्ष दर्ज कराया है। ये नोट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की उसकी विभिन्न शाखाओं में पिछले 8 साल में पकड़े गए हैं।
आईसीआईसीआई बैंक के क्षेत्रीय प्रमुख मनीष पांडे ने हजरतगंज पुलिस थाने में यह प्राथमिकी दर्ज कराई है इसमें बताया गया है 2006 से 2014 के दौरान उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड में उसकी विभिन्न शाखाओं में 10.77 करोड़ रपये मूल्य के जाली नोट जमा कराए गए थे। आईसीआईसीआई बैंक ने एक बयान में कहा है, हजरतगंज, लखनऊ में बैंक द्वारा 6 अप्रैल 2014 को दर्ज शिकायत फरवरी 2006 से मार्च 2013 की अवधि के लिए है। यह शिकायत नियामकीय दिशा निर्देशों के अनुसार दर्ज कराई गई है। इसके अनुसार रिजर्व बैंक के दिशानिर्देश के अनुसार उसे जाली नोट सामने आने पर सूचना देनी होती है तथा प्राथमिकी दर्ज करानी होती है।
हालांकि बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है, भारतीय रिजर्व की स्वच्छ नोट नीति के तहत वह केवल साफ व खरे नोट ही जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक के जाली नोट संबंधी परिपत्र के अनुसार जाली नोट पकडे जाने पर उसकी सूचना तुरंत रिजर्व बैंक व पुलिस को देनी होती है। किसी एक लेन देन में चार जाली नोट पकड़े जाने पर महीने के आखिर में इसकी सूचना पुलिस थाने में दी जानी चाहिए। जबकि एक ही लेनदेन में पांच या अधिक जाली नोट पाये जाने पर प्राथमिकी दर्ज करानी होती है।
(एजेंसी)
आईसीआईसीआई बैंक
ICICI बैंक ने 10 करोड़ रुपए के जाली नोट की रिपोर्ट लिखवाई, 8 सालों में पकड़े गए हैं ये नोट
आईसीआईसीआई बैंक ने दस करोड़ रुपए से अधिक के जाली बैंक नोट पकड़ने का एक मामला लखनऊ पुलिस के समक्ष दर्ज कराया है। ये नोट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की उसकी विभिन्न शाखाओं में पिछले 8 साल में पकड़े गए हैं।
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