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वाशिंगटन : अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के एक बड़े अधिकारी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बाहरी झटकों को बर्दाश्त करने के लिए अब पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा मजबूत है। उसके अनुसार भारत सरकार के प्रशासनिक और नीतिगत फैसलों से यह संभव हो सका है।
मुद्राकोष के सहायक निदेशक (एशिया प्रशान्त प्रभाग) ने एक सम्मेलन में कहा, ‘हमें लगता है कि भारत पिछले साल के मध्य की तुलना में इस समय अंतरराष्ट्रीय झटकों को झेलने की बेहतर स्थिति में है।’ उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में भारत में चालू खाते :बाहरी: घाटे और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए काफी बड़े कदम उठाये हैं। मौद्रिक नीति को कसा है। बुनियादी सुधारों की तरफ बढ़ा है और बाजार में उतार चढ़ाव के जोखिमों से निपटने की तैयारी की है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इस साल राजकोषीय घाटे को सीमित करने के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। निवेशी परियोजनाएं तेज हो रही हैं और वे मुद्रास्फीति से निपटने के लिए मौद्रिक नीति को कड़ा कर रहे हैं। इन उपायों से निश्चित रूप से भारत वाह्य जोखिमों से निपटने में पहले से अच्छी स्थिति में आ गया है। इस कांफ्रेन्स कॉल में दिल्ली से आईएमएफ के वरिष्ठ स्थानीय प्रतिनिधि थामस रिचर्डसन ने कहा कि भारत की वित्तीय प्रणाली का आधार सुदृढ़ है। (एजेंसी)