डीजल पर घाटा कम होकर 2.49 रुपए प्रति लीटर रह गया

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में गिरावट के मद्देनजर पेट्रोलियम कंपनियां का डीजल पर घाटा कम होकर 2.49 रुपये प्रति लीटर रह गया है। इराक में हिंसा के बीच जुलाई के पहले पखवाड़े में डीजल की उत्पादन लागत व बिक्री का अंतर दोगुना होकर 3.40 रपपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब डीजल पर प्रति लीटर नुकसान 2.49 रुपये लीटर रह गया है।

 डीजल पर घाटा कम होकर 2.49 रुपए प्रति लीटर रह गया

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में गिरावट के मद्देनजर पेट्रोलियम कंपनियां का डीजल पर घाटा कम होकर 2.49 रुपये प्रति लीटर रह गया है। इराक में हिंसा के बीच जुलाई के पहले पखवाड़े में डीजल की उत्पादन लागत व बिक्री का अंतर दोगुना होकर 3.40 रपपये प्रति लीटर पर पहुंच गया था। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब डीजल पर प्रति लीटर नुकसान 2.49 रुपये लीटर रह गया है।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार द्वारा डीजल कीमतों में शुरू की गई मासिक 50 पैसे की बढ़ोतरी को जारी रखा है। 1 जुलाई को डीजल के दाम 50 पैसे लीटर बढ़ाए गए थे। जनवरी, 2013 में डीजल कीमतों में मासिक बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ था। उस समय से अब तक 17 किस्तों में डीजल के दामों में 10.68 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो चुकी है। मई में मोदी सरकार के सत्ता संभालने के समय डीजल पर प्रति लीटर नुकसान 4.41 रुपये प्रति लीटर था।

 

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