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ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : कोयला ब्लाक आवंटन घोटाले में सीबीआई की ओर से एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। कोयला खदान आवंटन मामले में सीबीआई की ओर से मामला दर्ज किए जाने से वह चिंतित नहीं हैं।
उद्योग जगत एवं कुछ नेताओं से समर्थन मिलने के बाद कुमार मंगलम बिड़ला ने आज अपने खिलाफ सीबीआई की प्राथमिकी पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि उन्होंने कोई गलती नहीं की है। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में सीबीआई ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष बिड़ला ने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और राजस्व सचिव सुमीत बोस से आज मुलाकात की और फिर संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मंत्री के साथ प्राथमिकी मामले पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि अभी तक मैं इस बारे में चिंतित नहीं हूं। कुछ गलत नहीं हुआ है। इसलिए क्यों चिंतित होना है? उनसे पूछा गया था कि क्या सीबीआई द्वारा उनके और हिंडाल्को के खिलाफ कोयला घोटाला मामले में दर्ज प्राथमिकी से आदित्य बिड़ला समूह के बैंक लाइसेंस के आवेदन पर असर होगा।
बहरहाल उद्योग संगठन सीआईआई ने बिड़ला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की आलोचना की और बयान जारी कर कहा कि सीबीआई को किसी के भी खिलाफ कार्यवाही का अधिकार है लेकिन मशहूर उद्योगपतियों के खिलाफ कार्रवाई करने में इसे सावधानी बरतनी चाहिए ताकि भय का माहौल नहीं बने। बिड़ला का नाम लिए बगैर सीआईआई प्रमुख क्रिस गोपालकृष्णन ने कहा कि यह सुनिश्चित करना वांछनीय है कि किसी भी मशहूर एवं सम्मानित उद्योगपति के खिलाफ कार्यवाही से पहले मामले के सारे तथ्यों को पेश किया जाए। उन्होंने कहा कि किसी संस्था या व्यक्ति की छवि बनने में वषरें लग जाते हैं और इसलिए कोई भी कार्रवाई करने से पहले काफी सावधानी बरती जानी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने चेताया कि सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जब निर्णय लेने की बात हो तो भय का माहौल नहीं बने। व्यावसायिक वातावरण के लिए त्वरित निर्णय और पारदर्शी नीति का माहौल जरूरी है। अगर सरकार और उद्योग जगत मिलकर काम करे तो इसे बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है।
इनफोसिस के कार्यकारी अध्यक्ष एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि बिड़ला के खिलाफ बिना विस्तृत तथ्य के किसी भी कार्यवाही से देश एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि कुमार काफी सम्मानित व्यवसायी हैं इसलिए कुमार के खिलाफ बिना विस्तृत तथ्य के किसी भी कार्यवाही से निवेशकों में गलत संदेश जाएगा। अधिकारियों के लिए बहुत जरूरी है कि वे तथ्यों एवं आकड़ों के बारे में शत-प्रतिशत आश्वस्त हों।