हम न तो बाज हैं और न ही कपोत, वास्तव में उल्लू हैं: राजन

रेपो दर बढाकर बाजार व विश्लेषकों को हैरान करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत रख तथा मंशाओं को समझाने के लिए आज पक्षी विज्ञान की मदद ली। केंद्रीय बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने नीति के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम न तो बाज हैं और न ही कपोत। वास्तव में हम उल्लू हैं।

मुंबई : रेपो दर बढाकर बाजार व विश्लेषकों को हैरान करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नीतिगत रख तथा मंशाओं को समझाने के लिए आज पक्षी विज्ञान की मदद ली। केंद्रीय बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने नीति के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम न तो बाज हैं और न ही कपोत। वास्तव में हम उल्लू हैं।
रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में तो बढोतरी कर दी लेकिन आगे इसमें स्थिरता का संकेत दिया। इस विरोधाभासी तथ्य संबंधी एक सवाल पर डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा, उल्लू को परंपरागत रूप से बुद्धिमता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हम न तो कपोत (न ही बाज) हैं। लेकिन उल्लू हैं। जब दूसरे आराम कर रहे होते हैं तो हम सतर्क रहते हैं। (एजेंसी)

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