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नई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि रिजर्व बैंक आचार संहिता लागू होने के बावजूद कुछ बैंक लाइसेंस जारी कर सकता है। आचार संहिता आज से प्रभावी हो गया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों की यहां बैठक लेने के बाद उन्होंने कहा, आचार संहिता का इससे (बैंक लाइसेंस प्रक्रिया) क्या लेनादेना है। सरकार और नियामक अपनी सामान्य जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। वे (आरबीआई) कुछ बैंक लाइसेंस जारी करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, यह संकेत हमें मिला है। हम प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। यह रिजर्व बैंक का निर्णय है। नए बैंक लाइसेंसों के लिए आवेदन पत्रों की छंटनी करने वाली बिमल जालान समिति ने पिछले महीने अपनी रिपोर्ट व छांटे गए नामों की सूची रिजर्व बैंक को सौंप दी। नए निजी बैंकों की स्थापना के लिए दिशानिर्देश फरवरी, 2013 में जारी किए गए थे और आवेदन करने की अंतिम तिथि एक जुलाई थी।
सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, भारतीय डाक और आईएफसीआई के अलावा निजी क्षेत्र से अनिल अंबानी समूह व आदित्य बिड़ला समूह सहित 25 इकाइयां बैंक लाइसेंस की दौड़ में हैं। सार्वजनिक बैंकों में पूंजी निवेश के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, जैसा की आप जानते हैं, सरकार ने अगले वर्ष के लिए 11,200 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। यह पर्याप्त नहीं है, लेकिन यह बजट अनुमान है. जैसे ही हमें और धन मिलता है, हम सरकारी बैंकों में और पूंजी डालेंगे। (एजेंसी)