महंगाई थामने को मोदी सरकार का बड़ा फैसला, प्‍याज और आलू की भंडारण सीमा होगी तय

महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में महंगाई समेत कई अन्‍य मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान महंगाई पर रोकथाम की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया।

महंगाई थामने को मोदी सरकार का बड़ा फैसला, प्‍याज और आलू की भंडारण सीमा होगी तय

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में महंगाई समेत कई अन्‍य मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान महंगाई पर रोकथाम की दिशा में बड़ा फैसला लिया गया।

कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्याज और आलू की अब भंडारण सीमा तय होगी, भंडारण की यह सीमा राज्य सरकारें तय करेंगी। आलू और प्याज के लिये भंडारण सीमा का प्रावधान एक साल तक लागू रहेगा। साथ ही, राज्यों को जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है।

कानून मंत्री ने कहा कि आलू और प्‍याज को जमा करने की सीमा तय होगी। इसको लेकर अधिसूचना जल्‍द जारी होगी। इसके अलावा, 50 लाख टन अतिरिक्‍त चावल बीपीएल परिवारों के लिए मुहैया करवाने का प्रावधान किया गया है। उन्‍होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार जरूरी वस्‍तुओं की कीमतों के लिए सभी आवश्‍यक कार्रवाई कर रही है।

प्याज और आलू की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति यानी सीसीईए ने दोनों सब्जियों के लिए भंडार सीमा नियत करने के प्रस्ताव पर विचार किया। कैबिनेट की बैठक साऊथ ब्‍लॉक में हुई, जिसमें मोदी सरकार के कई मंत्री शामिल हुए। यह बैठक खराब मॉनसून और महंगाई के मुद्दे पर बुलाई गई। गौर हो कि मॉनसून में देरी और तेजी से बढ़ रही महंगाई मोदी सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

फिलहाल भंडार सीमा दाल, खाद्य तेल तथा तिलहन पर सितंबर 2014 तक लागू है जबकि चावल और धान के मामले में यह इस साल नवंबर तक है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने प्रस्ताव जारी किया है जिसका मकसद आवश्यक जिंस कानून, 1955 के तहत राज्य सरकारों को जमाखोरी रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाने में सक्षम बनाना तथा बढ़ती कीमत की समस्या से निपटने में मदद करना है एवं दोनों सब्जियों की उपलब्धता बढ़ाना है।

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