तहलका की होल्डिंग कंपनी का कर्ज, कुल संपत्ति से अधिक

महिला सहकर्मी के यौन शोषण के आरोप में तरण तेजपाल की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं तहलका की होल्डिंग कंपनी द्वारा कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को दी गई सूचना के अनुसार उसकी देनदारियां, परिसंपत्तियों से अधिक हो चुकी हैं।

नई दिल्ली : महिला सहकर्मी के यौन शोषण के आरोप में तरुण तेजपाल की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं तहलका की होल्डिंग कंपनी द्वारा कारपोरेट मामलों के मंत्रालय को दी गई सूचना के अनुसार उसकी देनदारियां, परिसंपत्तियों से अधिक हो चुकी हैं।
इसके अलावा आडिटरों ने आंतरिक आडिट समिति न होने तथा सेवाकर का भुगतान न करने का मुद्दा उठाया है। इसके साथ ही प्रकाशन में कंपनी का निवेश जटिलताओं में उलझा हुआ है। तरुण तेजपाल के आरोपों में घिरने के बाद मीडिया में इस तरह की खबरें आई हैं कि तहलका समूह द्वारा छद्म कंपनियों के माध्यम से संदिग्ध लेनदेन किए गए हैं।
हालांकि, इस तरह की कथित अनियमितताओं के मामले में किसी तरह का आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रो का कहना है कि कारपोरेट मामलों का मंत्रालय अभी तहलका या उससे संबंधित कंपनियों के मुद्दों को देखने के बारे में फैसला नहीं कर सका है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने अभी स्वत: तहलका की कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई का मन नहीं बनाया है। तहलका काम प्राइवेट लि. की होल्डिंग कंपनी अनंत मीडिया प्राइवेट लि. है। तहलका काम के पास तहलका प्रकाशन समूह का स्वामित्व है।
कारपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास भेजी गई सूचना के अनुसार होल्डिंग कंपनी का 13 करोड़ रपये का नकारात्मक नेटवर्थ है। नकारात्मक नेटवर्थ से तात्पर्य है कि किसी इकाई की देनदारी उसकी परिसंपत्तियों से अधिक है। नेटवर्थ से किसी कंपनी की वित्तीय स्थिति का पता चलता है।
मार्च, 2012 के अंत तक अनंत मीडिया के चार निदेशकों में तरण तेजपाल उनकी बहन नीना तेजपाल शर्मा, सतीश मेहता व प्रवीण कुमार राठी शामिल हैं। इस अवधि तक अनंत मीडिया में निदेशकों व उनके रिश्तेदारों की 21.80 फीसदी की हिस्सेदारी थी, वहीं ‘बाडीज कारपोरेट’ के पास 74.55 फीसदी हिस्सा था। मार्च, 2012 के अंत तक कंपनी के शेयरधारकों की संख्या 21 थी। नेटवर्थ के अलावा अनंत मीडिया का ‘भंडार व अधिशेष’ भी नकारात्मक दायरे में यानी 13 करोड़ रुपये था।
इस बीच, कंपनी के आडिटर एस एम वर्मा एंड कंपनी ने 2011-12 के दौरान आंतरिक आडिट प्रणाली न होने की वजह से आपत्ति जताई थी। मंत्रालय के पास उपलब्ध कंपनी के दस्तावेज के अनुसार आडिटर ने निष्कर्ष निकाला है कि कंपनी की आंतरिक आडिट प्रणाली नहीं है। इसके अलावा आडिटर ने वैधानिक बकाये के समय पर भुगतान नहीं करने व 26,30,309 रुपये के सेवाकर बकाये का भुगतान नहीं करने पर अपनी आपत्ति जताई है। (एजेंसी)

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