सुरजीत ने माना की वह जासूस था
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सुरजीत ने माना की वह जासूस था

पाकिस्तान की जेल से 30 साल बाद रिहा होकर भारत लौटे सुरजीत सिंह ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान में भारत के जासूस थे।

अटारी: पाकिस्तान की जेल से 30 साल बाद रिहा होकर भारत लौटे सुरजीत सिंह ने स्वीकार किया कि वह पाकिस्तान में भारत के जासूस थे। भारत आते ही उन्होंने कहा मैं भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट था लेकिन मेरी गिरफ्तारी के बाद किसी ने मेरी परवाह नहीं की। मुझसे ज्यादा मत पूछो वरना बीएसएफ के लोग गुस्सा हो जाएंगे। उनके ऐसा कहने के बाद ही सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी उन्हें कमरे में ले जाकर समझाने लगे।
हालांकि पाकिस्तानी जेल में 30 साल बिताने के दौरान उन्होंने हमेशा खुद को जासूस बताये जाने का विरोध किया था।
उन्हें पहले फांसी की सजा सुनाई गयी थी जो बाद में उम्रकैद में बदल दी गयी। पत्रकारों से पंजाबी में बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अब वह कभी भी पाकिस्तान नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक बार मुझे जासूसी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। अगर मैं वापस जाऊंगा तो सुरक्षा एजेंसियां मुझ पर फिर से जासूस होने को शक करेंगी।
पाकिस्तानी जेल में अपने साथ हुए अच्छे व्यवाह के लिये वहां के अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि दोनो देशों की सरकारों को एक-दूसरे देश के कैदियों को रिहा कर देने चाहिए। (एजेंसी)

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