नई दिल्ली : डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा कि मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण ने प्रौद्योगिकी क्षमता के मामले में भारत के बारे में दुनिया की धारणा बदल दी। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर यहां डीआरडीओ बिरादरी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इन परीक्षणों की वजह से भारत को ‘नया सम्मान’ मिला जबकि देश के वैज्ञानिकों और अभियंताओं को उनकी उचित पहचान मिली।
चंदर ने कहा कि क्षमताओं के मामले में हम दुनिया में कभी भी किसी से कम नहीं रहे। हमें आवश्यकता अपनी क्षमताओं को लेकर विश्वास की है। कुछ प्रमुख उपलब्धियों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि डीआरडीओ ने अग्नि पांच के साथ अंतर महाद्वीपीय बाधाओं को पार किया। इसके साथ ही भारत दुनिया के चार देशों में शामिल हो गया जिनके पास बहुस्तरीय सामरिक प्रतिरोधक क्षमता है। (एजेंसी)
पोखरण परमाणु परीक्षण
`पोखरण परीक्षण ने बदली दुनिया की धारणा`
डीआरडीओ प्रमुख अविनाश चंदर ने कहा कि मई 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण ने प्रौद्योगिकी क्षमता के मामले में भारत के बारे में दुनिया की धारणा बदल दी।
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