रक्षा सौदों में अनियमितता मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई: एंटनी

सैन्य खरीद के ‘100 फीसदी स्वच्छ’ नहीं हो सकने की बात मानते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने गुरुवार को कहा कि जहां कभी भी अनियमितता पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, भले ही इसकी वजह से खरीद में विलंब हो जाए।

नई दिल्ली : सैन्य खरीद के ‘100 फीसदी स्वच्छ’ नहीं हो सकने की बात मानते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने गुरुवार को कहा कि जहां कभी भी अनियमितता पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी, भले ही इसकी वजह से खरीद में विलंब हो जाए।
एंटनी ने साफ कर दिया कि धन की कमी के कारण इस साल अरबों डॉलर की लागत से अनेक भूमिकाओं वाले 126 लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को कार्यान्वित नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे अगले वित्तीय वर्ष में अंतिम रूप दिया जाएगा। यह अब तक सबसे बड़ा एकल अनुबंध होगा।
द्विवार्षिक सैन्य प्रदर्शनी में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने माना कि सैन्य खरीद की प्रक्रिया ‘100 फीसदी स्वच्छ नहीं हो सकती’ लेकिन पिछले सात-आठ वर्षों में काफी हद तक यह पारदर्शी हुई है। विक्रेताओं को जानकारी है कि रक्षा खरीद में कोई राजनैतिक फैसला नहीं होगा।’
एंग्लो-इतालवी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे को हाल में रद्द करने वाले एंटनी ने कहा कि कभी-कभी निविदा को रद्द करने से झटका लगता है और विलंब होता है।
एंटनी ने कहा, ‘लेकिन रक्षा खरीद प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और कदाचार को समाप्त करने के लिए हमें कठोर कार्रवाई करनी है, यह व्यवस्था को सुचारू बनाने में हमारी मदद करता है।’
एंटनी ने कहा, ‘लेकिन अगर कदाचार और भ्रष्टाचार है तो आपको रद्द करना है, आपको उन्हें दंडित करना है और अगर आरोप साबित होते हैं तो आपको उन्हें काली सूची में डालना है। वही हमारा कानून है और हम उसे करते रहेंगे।’ मंत्री से पूछा गया था कि क्या फर्मों को काली सूची में डालने से सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में विलंब हुआ है और हेलिकॉप्टर सौदे को रद्द करने के अलावा इससे निपटने का कोई और तरीका हो सकता था।
रक्षा मंत्रालय ने गत 1 जनवरी को हेलिकॉप्टर सौदे को तब रद्द कर दिया था जब अगस्ता वेस्टलैंड को प्री कान्ट्रैक्ट इंटेगरिटी पैक्ट का उल्लंघन करने के लिए कथित तौर पर दोषी पाया था। हेलिकॉप्टर सौदे पर मंत्री ने कहा, ‘किसने सोचा था कि प्रक्रिया में इस तरह का कदाचार होगा। लेकिन हम अपने कानूनों पर समझौता नहीं कर सकते।’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय और आईएएफ वीवीआईपी को लाने-ले जाने के लिए वैकल्पिक समाधान ढूंढ लेगी।
आईएएफ और रक्षा मंत्रालय के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और अन्य सुरक्षा एजेंसियां शीघ्र मिलने जा रही हैं ताकि वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की जरूरतों पर विचार कर सकें कि क्या नए हेलिकॉप्टरों की खरीद की जाए या एमआई-17 वी 5 एस को इस उद्देश्य से इस्तेमाल के लिए समुन्नत किया जाए। (एजेंसी)

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