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नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने भाजपा नेता नितिन गडकरी द्वारा दायर एक शिकायत पर आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल पर मानहानि के आरोपों में मुकदमा चलाने का निर्णय किया।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गोमती मनोचा ने कहा, ‘मौजूद समस्त साक्ष्यों का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद मेरे विचार से आरोपी केजरीवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499-500 (मानहानि) के तहत प्रथमदृष्टया मामला साबित होने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। अदालत ने सीआरपीसी की धारा 251 के तहत केजरीवाल के खिलाफ नोटिस तैयार किया। गडकरी के साथ सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने की मजिस्ट्रेट की सलाह पर ध्यान देने से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के इनकार के बाद अदालत ने आरोप तय किए।
अदालत ने कहा, ‘आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध सुलह के योग्य है, इसलिए फरियादी :गडकरी: से पूछा गया है कि क्या वह मामले में सुलह चाहते हैं। हालांकि प्रयासों के बावजूद दोनों पक्षों के बीच कोई समझौता नहीं कराया जा सका।’ अदालत ने नोटिस तैयार किया जिसके बाद केजरीवाल ने अपराध कबूल नहीं किया और मुकदमा चलाने को कहा।
अदालत ने कहा, ‘तदानुरूप कथित अपराध के लिए आरोपी केजरीवाल के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 251 के तहत अलग से नोटिस तैयार किया गया जिस पर आरोपी ने दोष कबूल नहीं किया और मुकदमे पर सहमति जताई। ’ हालांकि अदालत ने केजरीवाल की उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें उन्होंने अगले आदेश तक निजी तौर पर पेश होने से छूट मांगी थी।
केजरीवाल ने यह कहते हुए छूट मांगी थी कि आम आदमी पार्टी का राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते उन्हें अनेक प्रतिनिधियों से मिलने की जरूरत होती है और कई सम्मेलनों और बैठकों में भाग लेना होता है। (एजेंसी)