बंदायू रेप-मर्डर: पीड़ित परिवारों से मिले रामविलास पासवान

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान आज (सोमवार) बदायूं पहूंचे और उन दो लड़कियों के परिजनों से मिले जिनकी गैंगरेप के बाद फांसी पर लटकाकर हत्या कर दी गई थी। पासवान ने कहा, बदायूं गैंगरेप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद लोग डरे हुए हैं, पुलिस ने पीड़ितों की मदद नहीं की। पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा मिलनी चाहिए। निर्भया कांड की तरह फौरन इंसाफ किया जाना चाहिए।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/रामानुज सिंह
नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान आज (सोमवार) बदायूं पहूंचे और उन दो लड़कियों के परिजनों से मिले जिनकी गैंगरेप के बाद फांसी पर लटकाकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें परिजनों को आश्वासन दिया कि वह उनकी मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष रखेंगे और उसे केंद्रीय कैबिनेट में उठाएंगे।
पासवान ने कहा, बदायूं गैंगरेप ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद लोग डरे हुए हैं, पुलिस ने पीड़ितों की मदद नहीं की। पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा मिलनी चाहिए। निर्भया कांड की तरह फौरन इंसाफ किया जाना चाहिए।
पासवान ने उत्तर प्रदेश सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़ितों के परिजनों से मिलने क्यों नहीं आए। पासवान के साथ उनके बेटे और जमुई से लोजपा सांसद चिराग पासवान भी थे।
चिराग ने कहा कि यदि सरकार बिजली पानी उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है तो कुछ हद तक यह बात समझ में आती है लेकिन कम से कम वह सुरक्षा तो उपलब्ध करा सकती है। उन्होंने कहा, यदि आप जीवन का अधिकार उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हैं तो यह किस प्रकार की सरकार है। जीवन की सुरक्षा का अधिकार हर नागरिक का मूल अधिकार है और हर सरकार को इसे उपलब्ध कराना होगा। पीड़ितों के परिजनों से मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरा परिवार डरा हुआ है और गांव में स्थायी पुलिस शिविर होना चाहिए।
उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को गांव का दौरा करना चाहिए और मामले की सुनवाई निर्भया केस की तरह तेजी से होनी चाहिए और आरोपियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो दूसरों के लिए उदाहरण हो। चिराग ने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर तंज कसते हुए हैरानी जताई कि कहीं उनके पूर्व में दिए गए विवादास्पद बयान ने तो आरोपियों को नहीं उकसाया था।
मालूम हो कि मुलायम ने लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान बलात्कार रोधी नए कानून का विरोध करते हुए कथित रूप से कहा था कि लड़कों से गलती हो जाती है, इसके लिए उन्हें फांसी पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
रविवार को बसपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती तथा निवर्तमान लोकसभा अध्यक्ष पीड़ित परिवारों से मिलने बदायूं पहुंची थीं। शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पीड़ित परिवारों से मिले थे। राहुल ने सीबीआई जांच की मांग की थी। जबकि मायावती ने सीबीआई जांच के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की थी।
राहुल के पीड़ित परिवारों से मिलने के कुछ देर बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजन की मांग को मानते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया।
यूपी सरकार ने बदायूं में पीड़ित परिवारों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया था, लेकिन पीड़ित परिवारों ने मुआवजा को ठुकरा दिया। बदायूं हत्याकांड को अंजाम देने वाले पांचों आरोपियों को पकड़ा जा चुका है।
गौरतलब है कि बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में 28 मई को 14 और 15 वर्षीय दो चचेरी बहनों की सामूहिक बलात्कार के बाद एक बाग में फांसी पर चढ़ाकर हत्या कर दी गई थी।

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