बीजेपी में सीट को लेकर घमासान: वाराणसी के बाद लखनऊ सीट को लेकर छिड़ा विवाद

बीजेपी में बड़े नेताओं की सीट को लेकर मचे घमासान का फिलहाल कोई हल नहीं निकला है, पर इस बीच वाराणसी के मौजूदा सांसद और वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी कुछ नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। जोशी ने सीट को लेकर किसी तरह के विवाद से इनकार किया है और कहा कि जो फैसला होगा वो पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार की प्रतिष्ठा को देखते हुए होगा। वहीं, नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, ये अभी साफ नहीं है।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो
नई दिल्ली : बीजेपी में बड़े नेताओं की सीट को लेकर मचे घमासान का फिलहाल कोई हल नहीं निकला है, पर इस बीच वाराणसी के मौजूदा सांसद और वरिष्ठ बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी कुछ नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं। जोशी ने सीट को लेकर किसी तरह के विवाद से इनकार किया है और कहा कि जो फैसला होगा वो पार्टी के पीएम पद के उम्मीदवार की प्रतिष्ठा को देखते हुए होगा। वहीं, नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, ये अभी साफ नहीं है।
वहीं, सीट को लेकर मचा घमासान अब वाराणसी से लखनऊ पहुंच गया है। वाराणसी सीट पर नरेंद्र मोदी और मुरली मनोहर जोशी को लेकर असमंजस के बादल छंटे भी नहीं है कि नया विवाद लखनऊ सीट को लेकर खड़ा हो गया है। लखनऊ से बीजेपी सांसद लालजी टंडन ने कहा कि इस सीट को लेकर बेवजह विवाद फैलाया जा रहा है। मैं मोदी का पूरे तरीके से समर्थन करता हूं। लालजी टंडन ने कहा कि सिर्फ मोदी के लिए लखनऊ सीट छोड़ूंगा। उधर, इस सीट से दावेदारी पर राजनाथ सिंह ने कहा कि इस पर फैसला बीजेपी की चुनाव समिति करेगी।
लालजी टंडन ने कहा कि पार्टी का फैसला मुझे मंजूर है और लखनऊ के अलावा कहीं और से मैं दावेदार नहीं हूं। इससे पहले, यह खबर आ रही थी कि लखनऊ से पार्टी के सांसद लालजी टंडन नाराज बताए जा रहे हैं। हालांकि लालजी टंडन ने साफ कर दिया कि वह नरेंद्र मोदी के लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं और वह चाहें तो लखनऊ से चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह अपनी गाजियाबाद सीट छोड़कर लखनऊ से उम्मीदवार बन सकते हैं।
अपनी संसदीय सीट वाराणसी से नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार बनाने की खबरों से नाखुश भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने रविवार को कहा था, उन्‍होंने पार्टी नेतृत्व से कहा कि उसे निर्णय लेते समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की ‘प्रतिष्ठा’ के अलावा जीत की संभावना पर भी गौर करना चाहिए। माना जाता है कि जोशी (80) ने भाजपा चुनाव समिति की बैठक में कल यह मुद्दा उठाया और अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कौन चुनाव लड़ेगा इस पर निर्णय संसदीय बोर्ड को करना है जिसकी बैठक वृहस्पतिवार को है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि संसदीय बोर्ड को निर्णय करना है। बैठक (सीईसी की) 13 मार्च को हो रही है। उनकी उम्मीदों एवं वाराणसी से मोदी के चुनाव लड़ने पर उनकी सहमति के बारे में बार..बार पूछने पर जोशी ने कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि इस पर पार्टी निर्णय करेगी जो न तो हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की प्रतिष्ठा पर आंच आने देगी और न ही पार्टी के जीत की संभावनाओं से समझौता करेगी। सूत्रों ने कहा कि कुछ सदस्यों ने स्पष्टीकरण की मांग की कि क्या मुरली मनोहर जोशी को वाराणसी सीट छोड़नी होगी और मोदी वहां से चुनाव लड़ेंगे। समझा जाता है कि स्वयं मुरली मनोहर जोशी और वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने यह मुद्दा उठाया। सुषमा ने इस बात से इनकार किया कि इस मुद्दे पर पार्टी में कोई मनमुटाव है। उन्होंने कहा कि मैं कल दिल्ली में बैठक में मौजूद थी। उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों का विषय चर्चा के दौरान नहीं उठा जैसी कि मीडिया में खबर आई है।
भैयाजी जोशी ने कहा कि इन चीजों के बारे में फैसले पार्टी करती है। यदि कोई व्यक्ति अपनी राय व्यक्त करना चाहता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। क्या लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए, इस बाबत संघ का रख पूछे जाने पर संघ के नेता ने कहा कि संघ पार्टी को निर्देश नहीं दे सकता, केवल भावना से अवगत करा सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि युवाओं को अवसर मिलने चाहिए ताकि वे अपनी उर्जा का इस्तेमाल राष्ट्र की सेवा में कर सकें। इसके साथ ही वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन का भी लाभ मिलना चाहिए। पिछली बार वाराणसी सीट से चुनाव जीतने वाले मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति 13 मार्च को फैसला करेगी। उन्होंने मोदी और उनके समर्थकों के बीच वाराणसी में ‘पोस्टर वार’ की खबरों को मीडिया की उपज बताया। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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