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नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के सीमा रक्षा बलों ने संघर्ष र्विराम उल्लंघनों और सीमा के पास गोलीबारी की घटनाओं से अपने स्थानीय कमांडरों के बीच नए वार्ता तंत्र के जरिए निपटने का फैसला किया है।
पाकिस्तान रेंजर्स के साथ हाल ही में पड़ोसी देश में हुई द्विपक्षीय वार्ता में अपने अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल की
अगुवाई कर लौटे सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक सुभाष जोशी ने आज कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि इन बलों के उच्चाधिकारियों की बजाय कमांडरों को नियमित अंतराल पर मिलना चाहिए ताकि मसले सुलझाए जा सकें।
नए निर्णय का मतलब यह है कि फील्ड कमांडर हर बार अपने वरिष्ठ अधिकारियों की मंजूरी का इंतजार किए बिना एक-दूसरे से बात कर सकते हैं। विशेष मामलों को पुराने प्रोटोकॉल के मुताबिक निपटाया जाएगा। जोशी ने कहा कि दोनों बलों के बीच विश्वास बहाली के कई कदमों पर चर्चा की गयी जिसमें सबसे अहम उन लोगों को तुरंत वापस उनके देश भेजना है जो गलती से दूसरे देश की सीमा में दाखिल हो जाते हैं।
बीएसएफ अधिकारियों ने कहा कि औसतन 60 ऐसी घटनाएं होती हैं जिसमें स्थानीय लोग सीमा पार कर जाते हैं। बीएसएफ के एक कार्यक्रम के इतर जोशी ने कहा, ‘हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि गलती से सीमा पार करने वाले लोगों को जल्द से जल्द उनके देश भेजा जाए। मैंने अपने बल के कमांडरों को निर्देश दिया है कि जब यह पुख्ता तौर पर साबित हो जाए कि सीमा पार करने वालों का इरादा गलत नहीं था तो उन्हें बिना देर किए उनके देश भेजने के त्वरित कदम उठाए जाएं।’ (एजेंसी)