उमा ने गंगा पुनर्जीवन परियोजना के लिए पर्याप्त धन का वादा किया
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उमा ने गंगा पुनर्जीवन परियोजना के लिए पर्याप्त धन का वादा किया

केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि सरकार गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक गंगा नदी का अविरल एवं निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है तथा गंगा पुनर्जीवन कार्यक्रम के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। ‘गंगा मंथन’ नामक राष्ट्रीय संवाद में उमा ने कहा कि कई संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद इस परियोजना का सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। उन्होंने मोदी को ‘आधुनिक युग का भगीरथ’ करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ उनकी वजह से हुआ कि चर्चा बाद में हुई और गंगा को जल संसाधन मंत्रालय में लाने की अधिसूचना पहले जारी कर दी गई।

नई दिल्ली : केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने आज कहा कि सरकार गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक गंगा नदी का अविरल एवं निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है तथा गंगा पुनर्जीवन कार्यक्रम के लिए धन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। ‘गंगा मंथन’ नामक राष्ट्रीय संवाद में उमा ने कहा कि कई संबंधित पक्षों से चर्चा के बाद इस परियोजना का सकारात्मक परिणाम निकलने की उम्मीद है। उन्होंने मोदी को ‘आधुनिक युग का भगीरथ’ करार देते हुए कहा कि यह सिर्फ उनकी वजह से हुआ कि चर्चा बाद में हुई और गंगा को जल संसाधन मंत्रालय में लाने की अधिसूचना पहले जारी कर दी गई।

जल संसाधन मंत्री ने कहा, ‘भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान मैंने गंगा के लिए सुझाव दिया था और हर किसी ने इसके पक्ष में हाथ खड़े किए। नरेंद्र मोदी ने अपने दोनों हाथ उठाए। तब मुझे समझ आया कि वह गंगा के साथ किस हद तक जुड़े हुए हैं।’ यह संवाद राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के द्वारा आयोजित किया गया है। इसमें देश और दुनिया के कई प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय इस संवाद के परिणाम पर गंभीरता से काम करेगा। उमा ने कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर विभिन्न पक्षों के साथ कई दौर की चर्चा की है और जल्द ही सकारात्मक नतीजे पर पहुंचेंगे। गंगा पुनर्जीवन कार्यक्रम के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी।’

उमा भारती ने कहा कि सरकार फर्जी धर्मनिरपेक्षता में नहीं, बल्कि इसकी सही भावना में विश्वास करती है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं ‘संत समाज’ शब्द का इस्तेमाल करती हूं तो सिर्फ हिंदू के बारे में नहीं, बल्कि सभी संतों के बारे में करती हूं। मैं धर्म का नाम इस्तेमाल नहीं कर रही हूं क्योंकि हमारे यहां फर्जी धर्मनिरपेक्षता नहीं है। हम धर्मनिरपेक्षता की सही भावना में विश्वास करते हैं। जब हम धर्म शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो इसमें हर किसी को लेते हैं।’ इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति इस परियोजना की सबसे बड़ी ताकत है।

उन्होंने कहा, ‘अगर इच्छाशक्ति होगी तो रास्ता भी होगा और अगर इच्छाशक्ति नहीं होगी तो सिर्फ सर्वेक्षण, चर्चा, संगोष्ठि, समिति, उप समिति और शोध समूह होगा।’ गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय का प्रस्ताव है कि वाराणसी से हुगली के बीच गंगा नदी में छोटे पोत चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी पर हर 100 किलोमीटर की दूरी पर बांध का निर्माण कराने का प्रस्ताव है तथा उनके मंत्रालय ने इलाहाबाद-हल्दिया कोरिडोर के विकास के लिए विश्व बैंक को प्रस्ताव भेजा है।
 
गडकरी ने कहा, ‘हमें इस परियोजना के लिए 4000 करोड़ रूपये मिल सकता है और यह अपने आखिरी चरण में है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर हम पूरी परियोजना पर लागत की बात करें तो यह 80,000 करोड़ रूपये है। सरकार के पास इतना पैसा नहीं है। हमने उमा भारती को सुझाव दिया है कि कुल धन का 25-30 फीसदी थोड़े-थोड़े अंतराल पर दिया जाएगा तथा 70 फीसदी रकम सार्वजनिक निजी क्षेत्र की भागीदारी के जरिए आएगी।’ गंगा नदी से जुड़े पर्यटन विकास की योजनाओं का खाका पेश करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्रीपद यासो नाइक ने कहा कि गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा के किनारे पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे।

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