GSLV-D5 का प्रक्षेपण आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से
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GSLV-D5 का प्रक्षेपण आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से

इसरो के नवीनीकृत जीएसएलवी (जियो सिंग्क्रनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल) का प्रक्षेपण आज शाम 4 बजकर 18 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होने वाला है। जीएसएलवी-डी5 के लिए 29 घंटे की उलटी गिनती जारी है।

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ज़ी मीडिया ब्यूरो
चेन्नई : इसरो के नवीनीकृत जीएसएलवी (जियो सिंग्क्रनस सेटेलाइट लॉन्च व्हीकल) का प्रक्षेपण आज शाम 4 बजकर 18 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होने वाला है। जीएसएलवी-डी5 के लिए 29 घंटे की उलटी गिनती जारी है।
इसरो के प्रवक्ता देवीप्रसाद कार्णिक ने बताया, योजना के अनुसार अपने साथ 1,980 किलोग्राम का जीसेट-14 संचार उपग्रह ले जाने वाला यह लॉन्च व्हीकल सही ढंग से काम कर रहा है। स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ जीएसएलवी-डी5 अभियान के पहले प्रयास को पिछले साल 19 अगस्त को अंतिम समय में रोक दिया गया था क्योंकि इसके दूसरे चरण में ईंधन रिसाव पाया गया था।
इसके लिए ईंधन के लिए एल्यूमीनियम से बने टैंक एफ्नर 7020 को वजह बताया गया था, जिसमें समय के साथ दरारें पड़ जाती थीं। अपने पहले, दूसरे और तीसरे चरण में जीएसएलवी ने भूस्थतिक स्थानांतरण कक्षक में अपने यात्री अंतरिक्षयान को ठोस, धरती पर संग्रह योग्य द्रव और क्रायोजेनिक प्रणोदकों के मिश्रण के साथ स्थापित करना है।
उधर, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष ने शनिवार को कहा कि रविवार को होने वाले जीएसएलवी-डी5 प्रक्षेपण यान का परीक्षण यदि सफल रहता है तो न सिर्फ यह स्वदेश निर्मित क्रायोजेनिक इंजन की सफलता होगी बल्कि इससे अंतरिक्ष अनुसंधान में भारी बचत भी होगा। इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने कहा, रविवार को यदि जीएसएलवी-डी5 का प्रक्षेपण सफल रहता है, तो स्पष्ट हो जाएगा कि देश में निर्मित क्रायोजेनिक इंजन ठीक तरह से काम कर रहा है। इतना ही नहीं यह देश में प्रौद्योगिकी के विकास का बहुत अहम पड़ाव होगा।

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