हिंदी के संबंध में गृह मंत्रालय का ज्ञापन राज्य सरकारों पर लागू नहीं: केंद्र

हिंदी भाषा के प्रयोग को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा पिछले दिनों जारी किए गए एक ज्ञापन पर दक्षिण भारत के कुछ राज्यों द्वारा जतायी गयी चिंता के बारे में केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि हिंदीतर भाषी राज्यों को इससे चिंतित होने का कोई औचित्य नहीं है।

नई दिल्ली : हिंदी भाषा के प्रयोग को लेकर गृह मंत्रालय द्वारा पिछले दिनों जारी किए गए एक ज्ञापन पर दक्षिण भारत के कुछ राज्यों द्वारा जतायी गयी चिंता के बारे में केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि हिंदीतर भाषी राज्यों को इससे चिंतित होने का कोई औचित्य नहीं है।

गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा हिंदी भाषा के प्रयोग को लेकर 27 मई 2014 को जारी किया गया कार्यालय ज्ञापन केवल ‘क ’ क्षेत्र में कार्यरत केंद्र सरकार के कार्यालयों और कार्मिकों के लिए है और यह राज्य सरकारों पर लागू नहीं है।

उन्होंने आगे कहा कि यह कार्यालय ज्ञापन नियमित सरकारी कार्यकलाप का हिस्सा है। इसलिए हिंदीतर भाषी राज्यों के लोगों को इस कार्यालय ज्ञापन से चिंतित होने का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता है। रिजिजू ने बताया कि गृह मंत्रालय के राजभाषा विभगा ने दस मार्च 2014 को कार्यालय ज्ञापन द्वारा केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों, अधीनस्थ कार्यालयों, उपक्रमों, निगमों, बैंकों और पदाधिकारियों द्वारा सामाजिक माध्यमों पर बनाए गए आधिकारिक खातों में राजभाषा हिंदी अथवा हिंदी व अंग्रेजी का प्रयोग करने का निर्देश दिया गया।

साथ ही केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे ‘ क ’ यानि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित अपने सभी संबंद्ध कार्यालयों, उपक्रमों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें। रिजिजू ने बताया कि 27 मई 2014 का ज्ञापन इसी क्रम में था और यह राज्य सरकारों पर लागू नहीं होता है।

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