अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हमला, चारों आतंकी ढेर, करजई ने की मोदी से बात
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अफगानिस्तान में भारतीय दूतावास पर हमला, चारों आतंकी ढेर, करजई ने की मोदी से बात

अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल चारों आतंकियों को मार गिराने का दावा किया गया है।

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काबुल/नई दिल्ली : अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले में शामिल चारों आतंकियों को मार गिराने का दावा किया गया है। इस बीच नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि वहां वाणिज्य दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री नामित नरेन्द्र मोदी ने हेरात प्रांत में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के संदर्भ में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई से बात की जिन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपने देश में भारतीय मिशनों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएंगे।
नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘अफगानिस्तान के हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमला हुआ। आईटीबीपी यानी इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के बहादुर जवानों और अफगान सैनिकों ने हमलावरों को जवाब दिया। सभी लोग सुरक्षित हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के मामले को लेकर भारतीय-अफगानिस्तान के अधिकारी एक दूसरे के संपर्क में हैं। विदेश सचिव सुजाता सिंह स्थिति का अवलोकन कर रही हैं।’
अफगान पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आज सुबह पास के एक मकान से मशीनगनों और रॉकेट संचालित ग्रेनेड से लैस तीन बंदूकधारियों ने वाणिज्य दूतावास पर गोलीबारी शुरू कर दी। किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
भारत ने अफगानिस्तान में कई बड़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं में निवेश किया है। इनमें हेरात प्रांत में सलमा जलविद्युत बांध और काबुल में अफगान संसद की इमारत शामिल है। फिलहाल भारत की ओर से अफगानिस्तान को दी जा रही सहायता दो अरब डॉलर की है। इस बड़ी राशि के सहयोग के चलते भारत सभी क्षेत्रीय देशों में से सबसे बड़ा दानदाता देश बन गया है।
इस युद्धप्रभावित देश से इस साल के अंत में विदेशी सेनाओं की वापसी की योजना है। इसी बीच अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों में वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित जलालाबाद शहर में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर बमबारी का विफल प्रयास किया गया था। हालांकि इसमें छह बच्चों समेत कुल नौ लोग मारे गए थे लेकिन किसी भी भारतीय अधिकारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। काबुल में भारतीय दूतावास पर वर्ष 2008 और 2009 में हमला हो चुका है और इसमें 75 लोग मारे गए थे। (एजेंसी)
मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि वह हालात पर नजदीकी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने इस संबंध में अफगानिस्तान में भारत के राजदूत अमर सिन्हा से भी बात की है।
उन्होंने वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले को नाकाम करने और हमलावर आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षा कर्मियों की भूमिका की प्रशंसा की। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रपति करजई और मैंने हेरात के वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बारे में बात की। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान में भारत के सभी मिशनों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।’’ टेलीफोन के जरिए हुई मोदी से बातचीत के दौरान करजई ने मोदी को उक्त आश्वासन दिया।
इस महीने की 26 तारीख को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे मोदी ने वाणिज्य दूतावास पर हमले को नाकाम करने के लिए भारतीय और अफगान सुरक्षा बलों की सराहना की। भारतीय वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा करने में अफगान और भारतीय सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हेरात में आतंकवादियों से लोहा लेने में भारतीय सुरक्षा कर्मियों और अफगान सुरक्षा बलों के अथक प्रयासों को भारत सलाम करता है।’’ (एजेंसी)

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