मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों पर थी लश्‍कर की पैनी नजर, गुट में शामिल करने की फिराक में थे आतंकी
Advertisement

मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों पर थी लश्‍कर की पैनी नजर, गुट में शामिल करने की फिराक में थे आतंकी

कुछ माह पहले मुजफ्फरनगर में भड़के दंगों के मामले में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा के आतंकियों ने मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों से संपर्क किया था और उन्‍हें बदला लेने के लिए उकसाया था।

fallback

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : कुछ माह पहले मुजफ्फरनगर में भड़के दंगों के मामले में एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तोएबा के आतंकियों ने मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों से संपर्क किया था और उन्‍हें बदला लेने के लिए उकसाया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी भी सामने आई है कि आतंकी पीड़ितों को लश्कर में शामिल करने को लेकर भी दबाव बना रहे थे।
गिरफ्तार आतंकी अब्‍दुल जमीर ने पुलिस पूछताछ में एक बड़ा खुलासा किया है। इस आतंकी के अनुसार लश्‍कर-ए-तोएबा की ओर से मुजफ्फरनगर दंगा का बदला लेने की तैयारी की जा रही थी। गिरफ्तार आतंकी ने मजिस्‍ट्रेट के सामने बयान दिया।
दंगा पीड़ितों ने मजिस्ट्रेट के सामने जो बयान दर्द कराया है, उसमें उन्होने कहा है कि राहत कैंप में रह रहे दंगा पीड़ितों को आंतकियों ने उकसाने की कोशिश की थी। दंगा पीड़ितों के मुताबिक दोनों ईमाम जब मुजफ्फरनगर और शामली जाते थे तब उनके साथ लश्कर से जुड़ा एक शख्स साथ रहता था। ऐसा कहा जा रहा है कि दंगा पीड़ितों ने जांच कर रहे अफसरों को बताया है कि हफीज रशीदी और शाहिद ने उन दोनों को कट्टरपंथी बनाना चाहता था। दंगा पीड़ितों को ईमामों ने आतंकवादी बनने के बदले बेहतरीन जिंदगी और परिवार को खूब पैसे देने का लालच दिया था। बयान दर्ज कराने वाले दंगा पीड़ित ईमाम के झांसे में नहीं आए और उन्होंने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को जानकारी दे दी। पिछले महीने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दोनों ईमाम को मेवात के छोटी मेवली इलाके से गिरफ्तार किया था। लेकिन दोनों ईमामों के साथ मुजफ्फरनगर और शामली के दंगा पीड़ित कैंपों में जाने वाला शख्स अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
पुलिस के अनुसार लश्‍कर की नजर दंगा पीड़ितों पर थी और कुछ युवकों को लश्‍कर में शामिल करने की तैयारी हो रही थी। पुलिस के अनुसार दो युवक इनकी बातों में आकर लश्‍कर से जुड़ने के लिए तैयार भी हो गए थे। स्‍पेशल सेल ने उन युवकों को ढूंढ निकाला और उन्‍हें गवाह बनाकर कोर्ट में पेश करने के बारे में सोच रही है।
गौरतलब हो कि मेवात से दो युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और तब से उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार अब्‍दुल ने बताया की लश्‍कर के आदेश पर ही दंगा पीड़ितों के संपर्क में थे। उन्‍होंने बताया कि कुछ युवकों से संपर्क भी किया गया था। जिक्र योग्‍य है कि कांग्रेस के उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिनों खुफिया विभाग के एक अफसर के हवाले से दावा किया था कि आईएसआई मुजफ्फरनगर दंगा पीड़ितों के संपर्क में है। वहीं, अब कांग्रेस महासचिव दिग्‍विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की बात सच होती नजर आ रही है। अगर यह सच होता है तो देश के‍ लिए समस्‍या है।
गौर हो कि मुजफ्फरनगर और शामली में कई अल्पसंख्यक परिवार अपने गांव से दूर राहत कैंपों में कई महीनों से जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। हालांकि कुछ लोग राहत कैंप अब छोड़ चुके हैं।

Trending news