नेताओं को 70 की उम्र में सक्रिय पदों को छोड़ देना चाहिए: जनार्दन द्विवेदी

एक ताजा विवाद खड़ा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी ने गुरुवार को कहा कि राजनीति में लोगों को 70 साल की उम्र के बाद सक्रिय पदों पर नहीं बने रहना चाहिए।

नई दिल्ली : एक ताजा विवाद खड़ा करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जर्नादन द्विवेदी ने गुरुवार को कहा कि राजनीति में लोगों को 70 साल की उम्र के बाद सक्रिय पदों पर नहीं बने रहना चाहिए।

द्विवेदी अगले महीने 69 साल के हो जाएंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि लोगों के लिए 65 या 70 की उम्र सक्रिय पदों से हटने और इसके बदले अन्य भूमिका संभालने की होनी चाहिए। उन्होंने हालांकि साथ ही कहा कि राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के पद को अपवाद के रूप में लिया जा सकता है।

द्विवेदी ने यह जवाब तब दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या उम्र की सीमा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी लागू होगी। द्विवेदी पहले भी विवादास्पद टिप्पणियां कर चुके हैं जिनमें आर्थिक मापदंड पर आधारित आरक्षण की बात शामिल है। द्विवेदी पार्टी के महासचिव और संगठन मामलों के प्रभारी हैं। उनकी यह टिप्पणी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय आई है जब दो दिन पहले ही भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को मार्गदर्शक मंडल में शामिल किया है।

द्विवेदी ने विभिन्न अन्य क्षेत्रों का उदाहरण दिया जहां बुजुर्ग युवा टीम को जिम्मेदारी सौंप देते हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह राजनीति में भी पीढीगत बदलाव की जरूरत है। एक खास उम्र के बाद लोगों को राजनीतिक संगठन में सक्रिय पदों पर बने नहीं रहना चाहिए।

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