नई दिल्ली : बेजुबान पशुओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली और भाजपा की गांधी परिवार की सदस्य मेनका गांधी को आज कैबिनेट मंत्री के तौर पर मोदी सरकार में शामिल किया गया।
सात बार की सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की छोटी पुत्रवधू मेनका गांधी अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी पिछली राजग सरकार में भी मंत्री थीं। उन्हें देश के पहले पशु कल्याण मंत्री के तौर पर मंत्रिपरिषद में स्थान दिया गया था।
हालिया लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी पीलीभीत से विजय हासिल करने में कामयाब रहीं। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी बुद्धसेन वर्मा को तीन लाख से ज्यादा वोट से पराजित किया।
मेनका और उनके पुत्र वरूण गांधी दोनो ही कांग्रेस के गांधी परिवार की तरह संसद के निचले सदन के सदस्य हैं। कांग्रेस के गांधी परिवार में सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी भी लोकसभा सदस्य हैं।
मेनका गांधी ने 1980 में अपने पति संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मृत्यु के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखा और मार्च 1983 में अपना राजनीतिक दल बनाया, जिसकी वजह से अपनी सास इंदिरा गांधी से उनकी अनबन हो गई।
मेनका ने 1984 में अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और पूर्व प्रधानमंत्री और अपने जेठ राजीव गांधी से हार गईं।
हालांकि मेनका गांधी वाजपेयी के तहत राजग सरकार का हिस्सा रहीं, लेकिन उन्होंने औपचारिक तौर पर भाजपा की सदस्यता 2004 में ही ग्रहण की है। (एजेंसी)
मेनका गांधी
मेनका : भगवा पार्टी की ‘गांधी’ सदस्य
बेजुबान पशुओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वाली और भाजपा की गांधी परिवार की सदस्य मेनका गांधी को आज कैबिनेट मंत्री के तौर पर मोदी सरकार में शामिल किया गया।
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