सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना संभव थे और अधिकार: सीबीआई प्रमुख
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सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बिना संभव थे और अधिकार: सीबीआई प्रमुख

सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि जांच एजेंसी को कुछ वित्तीय और प्रशासनिक आजादी देने के केंद्र के हालिया कुछ कदम उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना उठाये जा सकते थे।

नई दिल्ली : सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि जांच एजेंसी को कुछ वित्तीय और प्रशासनिक आजादी देने के केंद्र के हालिया कुछ कदम उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना उठाये जा सकते थे।
केंद्रीय सतर्कता आयोग के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों पर एजेंसी ने कामकाज में और अधिक स्वायत्तता की बात कही थी लेकिन यह गलत धारणा बन गयी कि सीबीआई सरकार के दायरे से बाहर होना चाहती है।
उन्होंने कहा कि हमारा इरादा कभी सरकार के दायरे से बाहर काम करने का नहीं है। अंतत: परिणाम यह हुआ कि सरकार ने इस सोच के साथ कुछ और कामकाजी स्वायत्तता देने के बारे में विचार किया कि हमें थोड़ी और वित्तीय स्वायत्तता और कुछ और प्रशासनिक स्वायत्तता दी जाए। सिन्हा ने कहा कि उन्हें लगता है कि ये सारे अधिकार उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बिना पहले ही दिये जा सकते थे।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या यह जांच एजेंसी पर नौकरशाही की वरिष्ठता दर्शाने के लिए किया गया या किसी और कारण से। किसी नियम को तोड़ने की जरूरत नहीं थी। सीबीआई को स्वायत्तता देना बहुत कुछ सरकार की मंशा पर निर्भर करता है। सिन्हा ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा आभास है कि सीबीआई की कामकाज से संबंधित आजादी महती जवाबदेही और जिम्मेदारी से आंतरिक रूप से जुड़ी है। (एजेंसी)

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