तेलंगाना पर रोलबैक नहीं, सीमांध्र में सामान्‍य स्थिति के लिए एस्‍मा लगे: कांग्रेस

तेलंगाना के गठन पर फैसले के बाद आंध्र प्रदेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस ने कहा कि सीमांध्र क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए एस्मा लागू किया जाना चाहिए।

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली/हैदराबाद : तेलंगाना के गठन पर फैसले के बाद आंध्र प्रदेश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस ने कहा कि सीमांध्र क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए एस्मा लागू किया जाना चाहिए। कांग्रेस के प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा कि तेलंगाना पर फैसला वापस नहीं लिया जा सकता पर समयसीमा के बारे में नहीं कह सकता।
आंध्र प्रदेश के सीमांध्र क्षेत्र में जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर चिंतित कांग्रेस ने बुधवार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए एस्मा लागू किए जाने की वकालत की और साथ ही इस बात पर जोर दिया कि तेलंगाना पर फैसला अपरिवर्तनीय है।
कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने हालांकि नए राज्य के गठन के लिए निश्चित समय सीमा बताने से इनकार किया। संवाददाताओं ने उनसे सवाल किया था कि क्या नए राज्य का गठन लोकसभा चुनाव से पहले या चुनाव के बाद होगा और क्या इस संबंध में विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में आएगा।
चाको ने यह स्वीकार किया कि तेलंगाना के गठन के फैसले के बाद स्थिति काफी जटिल हो गयी है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से वार्ता के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने में मदद देने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और तेदेपा सहित अनेक राजनीतिक दल इस मुद्दे पर अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं।
चाको ने कहा कि सामान्य स्थिति बहाल करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत सुनिश्चित करने के प्रयास विफल हो जाते हैं तब एस्मा लागू किए जाने सहित कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि आम जनता को कष्ट न न सहना पड़े। चाको ने तेलंगाना के गठन के कांग्रेस कार्य समिति के निर्णय को सही फैसला करार देते हुए कहा कि यह एक वर्षों पुरानी मांग थी और कांग्रेस ने इसे पूरा करने का साहस उठाया।
केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश में बिजली संकट से निपटने के लिए एनटीपीसी और पॉवर ग्रिड कोरपोरेशन के पास जाने की योजना बना रही है। बिजली आपूर्ति में बाधा के कारण राज्य में आवश्यक सेवाएं अस्त व्यस्त हो गई हैं और रेलगाड़ियों की आवाजाही पर भी असर पड़ा है। गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने दिल्ली में संवाददाताओं को बताया कि हम कुछ कर रहे हैं। एनटीपीसी और पावर ग्रिड आंध्र प्रदेश को बिजली प्रदान करेंगे। सीमांध्र में सरकारी कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल समाप्त करवाने के लिए राज्य सरकार और हड़ताली आंध्र प्रदेश अराजपत्रित अधिकारी संघ के बीच चल रही बातचीत असफल रही है क्योंकि संघ ने अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया।
संघ किसी सूरत में अपना आंदोलन वापस लेने को तैयार नहीं हुआ, हालांकि मुख्यमंत्री एन किरण कुमार रेड्डी ने उनसे यह तक कहा कि वह जब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हैं, राज्य का विभाजन नहीं होने देंगे। रेड्डी ने 12 अगस्त को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए संघ के प्रतिनिधियों के साथ हैदराबाद स्थित राज्य सचिवालय में तीन घंटे से अधिक समय तक बात की।
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से आग्रह किया कि वह तटीय क्षेत्र में तूफान की आशंका को ध्यान में रखते हुए अपनी हड़ताल वापस ले लें ताकि किसी तरह की आपात स्थिति का सामना किया जा सके। मौसम विभाग के अनुसार उत्तरी अंडमान के उपर बने दबाव के भीषण तूफान में बदलने का अंदेशा है और यह उत्तरी आंध्र और ओडिशा के कलिंगपटनम और परादीप के बीच के तटीय इलाके से 12 अक्तूबर की रात तक गुजरेगा। इस दौरान 175-185 किलोमीटर की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।
शिंदे ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि तेलंगाना पर मंत्री समूह की बैठक परसों होगी। शिंदे पुनर्गठित मंत्री समूह का नेतृत्व करेंगे। समूह में सात केन्द्रीय मंत्री हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी, वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री एम. वीरप्पा मोइली और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश मंत्री समूह के सदस्यों में शामिल हैं। कार्मिक और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी नारायणसामी पैनल में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
चुनाव क्षेत्रों, न्यायिक और वैधानिक निकायों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों के अलावा नए तेलंगाना राज्य की सीमाओं का निर्धारण मंत्री समूह के कार्य का हिस्सा है। हैदराबाद में अराजपत्रित अधिकारियों के संघ के नेता यू मुरली कृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनसे लोगों को असुविधा से बचाने के लिए अपनी हड़ताल समाप्त करने का अनुरोध किया है। कृष्ण ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते वह राज्य का विभाजन नहीं होने देंगे। लेकिन हमने उनसे कहा कि विभाजन के मुद्दे पर विशिष्ट आश्वासन जब तक नहीं मिलेगा, हड़ताल जारी रहेगी।
संघ ने कहा कि वह अपनी महासभा के साथ सरकार के प्रस्ताव के बारे में विचार करेगा और हड़ताल समाप्त करने के बारे में फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी महासभा के साथ मामले पर विचार के बाद हम कैबिनेट की उपसमिति के पास वापस लौटेंगे। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों से कहा कि वह तटीय क्षेत्र में तूफान की आशंका को देखते हुए अपनी हड़ताल वापस ले लें। संघ ने हालांकि मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि अगर तूफान आता है तो हड़ताल पर होने के बावजूद राजस्व, पंचायत राज और अन्य संबद्ध विभागों के कर्मचारी राहत और बचाव अभियानों में हिस्सा लेंगे। संघ के अध्यक्ष पी अशोक बाबू ने यह जानकारी दी।
संघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह कर्मचारियों के उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करें, जो प्रधानमंत्री और अन्य को राज्य के प्रस्तावित विभाजन से जुड़ी अपनी चिंताओं से अवगत कराने नयी दिल्ली जाने वाला है।
गौर हो कि तेलंगाना पर बहुत राजनीति हो रही है, जिसकी वजह से नए राज्य के प्रस्तावित गठन को लेकर आंध्र प्रदेश में अव्यवस्था मच गई है और समस्या को वास्तविकता से कहीं अधिक बढ़ाया जा रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यह दावा किया। उन्होंने कहा कि लोगों को राज्य के गठन की पूरी प्रक्रिया का इंतजार करना चाहिए और उसके बाद ही असली तस्वीर सामने आएगी। कुछ चिंताएं और समस्याएं तो वहां नैसर्गिक रूप से हैं, लेकिन एक बार जब पूरे मामले से राजनीति को अलग कर दिया जाएगा तो आप साफ तस्वीर देख सकेंगे।

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