जस्टिस गांगुली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बढ़ा दबाव
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जस्टिस गांगुली के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बढ़ा दबाव

यौन उत्पीड़न मामले में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। चारों तरफ से मांग उठ रही है कि मामले पर आगे कार्रवाई की जाए और उन्हें पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के प्रमुख का पद छोड़ देना चाहिए।

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नई दिल्ली : यौन उत्पीड़न मामले में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के गांगुली के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव बढ़ता जा रहा है। चारों तरफ से मांग उठ रही है कि मामले पर आगे कार्रवाई की जाए और उन्हें पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के प्रमुख का पद छोड़ देना चाहिए।
विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश गांगुली के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के फैसले पर सवाल उठाया है जिन्हें यौन प्रताड़ना का दोषी पाया गया है। सिब्बल ने कहा है कि इस ममले को महज इस आधार पर नहीं दबाया जा सकता कि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा कि यदि पूर्व न्यायाधीश के खिलाफ आरोप सही हैं तो उन्हें पश्चिम बंगाल के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हट जाना चाहिए और जो भी उचित कार्रवाई है वह की जानी चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को पत्र लिखकर गांगुली के खिलाफ तत्काल ‘उचित कार्रवाई’ करने की मांग की है। उच्चतम न्यायालय की तीन जजों की समिति ने कल गांगुली को लॉ इंटर्न के खिलाफ ‘अवांछित व्यवहार’ और ‘यौन प्रकृति के आचरण’ का दोषी पाया था। गांगुली ने इन आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है।
हालांकि देश के प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम ने कहा है कि इस तथ्य के मद्देनजर कि न्यायाधीश गांगुली पिछले वर्ष 24 दिसंबर को घटना घटित होने के समय तक पद छोड़ चुके थे, इसलिए ‘इस अदालत द्वारा कोई आगे की कार्रवाई किए जाने की जरूरत नही है। (एजेंसी)

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