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मथुरा: मथुरा से भाजपा की सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी ने केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी द्वारा वर्तमान किशोर न्याय कानून के अंतर्गत विशेष प्रावधान के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए 16 वर्ष से अधिक आयु के नाबालिग बच्चों द्वारा किए जाने वाले जघन्य अपराधों के मामलों में उन्हें वयस्कों के समान ही सजा का प्रावधान किए जाने की जरूरत बतलाई।
उन्होंने तर्क दिया कि जब उक्त आयु के किशोरवय अपराधी वयस्कों के समान ही जघन्य अपराध करने से नहीं चूकते तो उन्हें भी उसी प्रकार की कड़ी सजा दी जानी चाहिए, जैसी कि एक आम वयस्क अपराधी को दी जाती है। मथुरा में तीन दिन के प्रवास के अंतिम दिन नेशनल चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज की स्थानीय इकाई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शरीक होने पहुंचीं सांसद ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में नाबालिग आरोपियों से वयस्क अपराधियों के समान बर्ताव किए जाने की वकालत की।
उन्होंने कहा कि कुछ मामलों में यह भी जानकारी में आया है कि कई बार तो किशोरवय अपराधी इसलिए भी जघन्य अपराध करने से नहीं चूकते क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि उन्हें वयस्कों के समान कड़ी सजा नहीं दी जा सकती। इसलिए यदि सरकार किशोर न्याय कानून में तत्संबंधी बदलाव लाती है तो निश्चित ही किशोरों द्वारा किए जाने वाले जघन्य अपराधों में कमी देखने को मिल सकती है। कानून के कड़े प्रावधान उन्हें अपराधी बनने से रोक सकते हैं।