सैयदना सुपुर्दे खाक, जनाजे से पहले भगदड़ में 18 की मौत, 40 से ज्यादा घायल
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सैयदना सुपुर्दे खाक, जनाजे से पहले भगदड़ में 18 की मौत, 40 से ज्यादा घायल

दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल में शनिवार को दाउदी बोहरा समुदाय के दिवंगत नेता सैयदना बुरहानुद्दीन के अंतिम दर्शन के लिए हजारों संख्या में लोगों के उमड़ने से भगदड़ मच गयी और कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई तथा 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए।

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मुंबई : दक्षिण मुंबई के मालाबार हिल में शनिवार को दाउदी बोहरा समुदाय के दिवंगत नेता सैयदना बुरहानुद्दीन के अंतिम दर्शन के लिए हजारों संख्या में लोगों के उमड़ने से भगदड़ मच गयी और कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई तथा 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
पुलिस के मुताबिक मारे गये लोगों में दो नाबालिग और पांच बुजुर्ग हैं। अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई। सैयदना साहब का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। वह 102 वर्ष के थे। उन्हें खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए हजारों लोग देर रात के बाद से उनके आवास पर उमड़ने लगे थे।
सैयदना बुरहानुद्दीन को भिंडी बाजार स्थित रौदत ताहिरा कब्रिस्तान में दफनाया गया। उनके जनाजे में लाखों अनुयायी शामिल हुए। सैयदना साहब के बेटे और उत्तराधिकारी सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन की अगुवाई में दिवंगत आत्मा की शांति के लिए नमाज-ए-जनाजा पढ़ा गया।
दिवंगत आध्यात्मिक नेता का पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक ताबूत में रखा गया। खुले वाहन में रखे ताबूत को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया था। वाहन के साथ पुलिसकर्मी, डॉ सैयदना के परिजन और समुदाय के प्रमुख नेता चल रहे थे। सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे। उन्होंने नम आंखों से डॉ सैयदना को अंतिम विदायी दी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया। मुंबई पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने बताया कि ज्यादातर की मौत दम घुटने से हुई क्योंकि इलाके की गलियां बहुत संकरी हैं और भीड़ बहुत ज्यादा थी। उन्होंने बताया, ‘‘मुंबई के सभी हिस्सों से और शहर के आसपास से बड़ी संख्या में लोग रात करीब 9 बजे डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन को खिराज-ए-अकीदत पेश करने के लिए आने लगे। सड़कें संकरी थीं..जिसकी वजह से दम घुटने लगा। लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो रहा था।’’
सिंह के अनुसार, ‘‘कुछ लोग बेहोश हो कर गिर पड़े। दरवाजे बंद थे जिसके कारण लोग एक दूसरे पर गिर गये। डॉक्टरों का दावा है कि दम घुटने के कारण लोगों की मौत हुई।’’ सूत्रों के अनुसार घायलों को सैफी अस्पताल में भर्ती कराया गया जिनमें तीन को छोड़कर बाकी को छुट्टी दे दी गयी। जे जे अस्पताल में मृतकों की ऑटोप्सी की गयी जहां के डॉक्टरों ने कहा कि अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई।
घटनाक्रम के संबंध में एक आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘‘बोहरा समुदाय के नेताओं ने कल हमें सूचित किया कि सैयदना साहब के घर में भीड़ को जमा नहीं होने दिया जाएगा।’’ अधिकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि समुदाय के सदस्य जनाजे के दौरान अंतिम दर्शन करेंगे और उसके अनुसार सुरक्षा बंदोबस्त किये गये हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हालांकि कल रात करीब 9 बजे, नेताओं ने हमसे सलाह मशविरा किये बिना अनुयायियों को संदेश भेजने शुरू कर दिये कि उन्हें सैयदना का अंतिम दर्शन उनके घर पर करने दिया जाएगा। इसके बाद शहर और आसपास से लोग आने शुरू हो गये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें योजना में इस बदलाव के बारे में तब बताया गया जब संदेश भेजे जा चुके थे। हमें बताया गया कि करीब 4 से 5 हजार लोग उनके घर पर आएंगे और उसी हिसाब से सुरक्षा बंदोबस्त किये गये। लेकिन थोड़ी ही देर में आने वालों का आंकड़ा 60,000 के पार चला गया।’’ (एजेंसी)

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