शिक्षक दिवस पर लगभग दो करोड़ बच्चे सुनेंगे PM मोदी का संबोधन
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शिक्षक दिवस पर लगभग दो करोड़ बच्चे सुनेंगे PM मोदी का संबोधन

आगामी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर अन्य राज्यों सहित मध्यप्रदेश के एक लाख 56 हजार 66 स्कूलों के एक करोड़ 85 लाख बच्चे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को सीधे प्रसारण के जरिये सुनेंगे। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण दोपहर 3 से 4.45 बजे तक दूरदर्शन, आकाशवाणी, एडुसेट तथा वेबकास्ट आदि संचार माध्यमों से किया जायेगा। प्रदेश के लगभग 5 लाख शिक्षक भी प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनेंगे।

भोपाल: आगामी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर अन्य राज्यों सहित मध्यप्रदेश के एक लाख 56 हजार 66 स्कूलों के एक करोड़ 85 लाख बच्चे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन को सीधे प्रसारण के जरिये सुनेंगे। एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री के संबोधन का सीधा प्रसारण दोपहर 3 से 4.45 बजे तक दूरदर्शन, आकाशवाणी, एडुसेट तथा वेबकास्ट आदि संचार माध्यमों से किया जायेगा। प्रदेश के लगभग 5 लाख शिक्षक भी प्रधानमंत्री के संबोधन को सुनेंगे।

स्कूलों के बच्चों को प्रधानमंत्री का संबोधन सुनवाने के लिए राज्य स्तर पर व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जिलों को इस संबंध में आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं। अपर मुख्य सचिव एस आर मोहंती ने वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा सभी जिलों के कलेक्टर और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्रसारण संबंधी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने प्रसारण अवधि में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री के भाषण को केबल नेटवर्क में दूरदर्शन के जरिये प्रसारित कराने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है। कृषि तथा वन विभाग को भी कहा गया है कि वे अपने प्रशिक्षण केन्द्रों के सभागार का उपयोग इस कार्यक्रम में करें। कार्यक्रम के समापन के तत्काल बाद उपस्थिति रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से एसएमएस आधारित प्रणाली बनाने के लिए अनुरोध किया गया है। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि जिन स्थानों पर टेलीविजन और विद्युत की व्यवस्था नहीं है, वहां टेलीविजन और जनरेटर की व्यवस्था की जाये। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शाला प्रबंधन समिति के अधिक से अधिक सदस्यों को शामिल किया जाये। कार्यक्रम में शासकीय विद्यालयों के अलावा केन्द्रीय, नवोदय विद्यालय, छात्रावास और निजी विद्यालयों को शामिल कराया जाये। कार्यक्रम के बेहतर संचालन के लिए चिह्नित अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाये। बच्चों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर बहुत ज्यादा दूर नहीं ले जाया जाये तथा उनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये। स्थानीय पुलिस को भी इस संबंध में निर्देशित किया जाये।

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