ज़ी मीडिया ब्यूरो/बिमल कुमार
नई दिल्ली : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) को खत्म करने की छात्रों की मांग के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में सीसैट पैटर्न में मामूली बदलाव की घोषणा की, लेकिन छात्र इस फैसले से पूरी तरह असंतुष्ट और नाखुश हैं।
प्रदर्शनकारी छात्र सरकार के इस कदम से नाखुश हैं और वे सीसैट पूरी तरह खत्म करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि इस मामले को लेकर आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों ने सीसैट को लेकर अपने आंदोलन को लेकर प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया है। छात्रों ने अंग्रेजी प्रश्न-पत्र को पूरी तरह हटाए जाने तक अपनी लड़ाई जारी रखने का फैसला लिया है।
पिछले कई दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों ने अब जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है। प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे एक परीक्षार्थी ने कहा, सीसैट को लेकर कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र द्वारा लोकसभा में दिए गए बयान से हम बिल्कुल संतुष्ट नहीं हैं। हम सीसैट को पूरी तरह खत्म करने की मांग करते हैं। हमने जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है।
गौर हो कि केंद्र सरकार ने बीते दिन संसद में ऐलान किया कि प्रारंभिक परीक्षा के सीसैट प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी के सवालों के अंकों को ग्रेडेशन या मेरिट में शामिल नहीं किया जाएगा। सरकार ने यह घोषणा भी की कि 2011 की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 2015 की परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। सीसैट 2011 से ही लागू हुआ था। सीसैट के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों ने भी खूब हंगामा किया।
छात्रों की दलील है कि सीसैट के जरिए अंग्रेजी माध्यम के छात्रों के साथ-साथ उन्हें तवज्जो दी जा रही है जो विज्ञान, इंजीनियरिंग या प्रबंधन पृष्ठभूमि के परीक्षार्थी हैं। इस बीच, नेपाल के दो दिवसीय दौरे से लौटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और कार्मिक राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह से मुलाकात की और इस मुद्दे से जुड़ी ताजा जानकारी हासिल की। सरकार ने संसद में जो घोषणा की उससे जुड़ी अधिसूचना कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की ओर से जारी की जाएगी और फिर यूपीएससी उसे लागू करेगी। आक्रोशित परीक्षार्थियों को शांत करने की कोशिशों के तहत सिंह ने कहा कि प्रारंभिक परीक्षा के सीसैट प्रश्न-पत्र में अंग्रेजी कॉम्प्रीहेंशन के सवालों के अंकों को ग्रेडेशन या मेरिट में शामिल नहीं किया जाएगा।
एक संक्षिप्त बयान में सिंह ने यह भी कहा कि 2011 की सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए छात्रों को 2015 की परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका दिया जाएगा। पिछले कई दिनों से इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा हो रहा था और कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी । बहरहाल, प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार के बयान को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें सीसैट खत्म किए जाने से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है।
एक परीक्षार्थी पवन ने कहा कि सरकार ने आज जो घोषणा की, वह छात्रों की कभी मांग रही ही नहीं। हमने भाजपा सरकार से कभी नहीं कहा था कि सीसैट पैटर्न में संशोधन किया जाए। इसकी बजाय, हमारी मांग थी कि हिंदी माध्यम में पढ़े लाखों छात्रों के हित में सीसैट को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनावों से पहले भाजपा ने वादा किया था कि वह सीसैट खत्म करेगी। भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने उन लाखों यूपीएससी परीक्षार्थियों को धोखा दिया है जिन्हें उम्मीद थी कि नई सरकार उनकी मांगें मानेगी।
इस बीच, यूपीएससी ने कहा कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक आगामी 24 अगस्त को ही होगी। यूपीएससी ने यह भी कहा कि सरकार ने संसद में जो घोषणाएं की हैं, उन्हें लागू किया जाएगा। प्रारंभिक परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की भी मांग कर रहे प्रदर्शनकारी छात्रों ने अब मध्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना अभियान जारी रखने का फैसला किया है। पिछले करीब 25 दिन से वे उत्तर दिल्ली के मुखर्जी नगर में प्रदर्शन कर रहे थे।